- परेशान ग्रामीणों ने कहा- ऐसी जलपूर्ति से अच्छा पेयजल व स्वास्थ्य विभाग जहर दे देता
Kiriburu (Shailesh Singh) : सरकार की हर घर जल योजना के तहत भी सारंडा के करमपदा गांव के विभिन्न टोला के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की जगह दूषित मिट्टी युक्त लाल पानी आपूर्ति हो रही है. इससे ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत 2024 तक सारंडा के प्रत्येक घर में अलग जल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ, सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुमान के अनुसार वर्ष 2018 में असुरक्षित व अशुद्ध पेयजल के उपयोग के कारण भारत में लगभग 1,25,995 लोगों की डायरिया से मृत्यु हुई थी. सारंडा के गांवों के ग्रामीण भी प्रारम्भ से नदी-नाला का दूषित व खदानों से आने वाला लाल पानी पीकर प्रतिवर्ष डायरिया व अन्य बीमारियों से मारे जा रहे हैं. इस मौत व बीमारियों को रोकने के लिए ही यह योजना प्रारम्भ की गयी है, लेकिन यह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर नदी-नालों से भी अधिक दूषित पानी की आपूर्ति कर रहा है.
इसे भी पढ़ें : Kiriburu : सारंडा में बच्चों को पिलाई गई पोलियो की दवा
मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व डीसी एक गिलास पानी पीकर दिखाएं या दोषियों पर करें कार्रवाई
इस संबंध में करमपदा निवासी सह महिला समूह की पदाधिकारी लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि एक माह पूर्व ही सरकार ने ठेकेदार के माध्यम से करमपदा के विभिन्न टोला में सोलर चालित जलमीनार का निर्माण करा पाइप लाइन व नल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति शुरू की थी. लेकिन यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. इन सोलर चालित जल मीनारों में से कुछ खराब हैं तथा कुछ की टंकी में पानी चढ़ भी रहा है तो उससे पानी आपूर्ति नहीं हो रही है, क्योंकि कीचड़ व मिट्टी युक्त लाल पानी सप्लाई होने के कारण सभी पाइप व नल जाम हो गये हैं. कुछ से दूषित पानी आपूर्ति हो रही है. इसके अलावे तमाम जलमीनार के नीचे एक-एक चापाकल लगाया जाना था, लेकिन चापाकल व नल स्टैंड बिना कंक्रीट का प्लेटफार्म बनाये छोड़ दिया गया है. हम चाहेंगे कि इस पानी को मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, उपायुक्त एक गिलास पीकर दिखायें, अन्यथा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कर इस खराब व्यवस्था को ठीक करें.
Leave a Reply