आदिवासी समाज के लोग अगर धर्म परिवर्तन करते हैं, तो उनका आरक्षण समाप्त किया जाये. आरक्षण की सूची से नाम हटाया (डीलिस्टिंग) जाये.
Ranchi : जनजातीय सुरक्षा मंच के मुख्यालय आरोग्य भवन बरियातू में शनिवार को करम मिलन समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ उपस्थित हुए. पंचायती राज निदेशक निशा उरांव, जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्री संयोजक गणेश राम भगत, डॉ एचपी. नारायण, विमल पाहन और सूर्य नारायण सूरी भी समारोह में अतिथि थे. अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवलर पर राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि करम मिलन उत्सव आदिवासी समाज का सांस्कृतिक धार्मिक और सामाजिक उत्सव है.
बहनें अपने भाइयों की सुख समृदधि की कामना करती हैं
इस पर्व में बहनें अपने भाइयों की सुख समृदधि की कामना करती हैं. उनके दीर्घायु के लिए पूजा करती हैं. जनजातीय समाज के लोग प्रकृति से जुड़कर सभी पर्व-त्यौहार मनाते हैं. प्रकृति की पूजा हमें प्रकृति और समाज के प्रति हमारे दायित्व का बोध करवाती है. कहा कि जनजातीय समाज के कारण ही 2014-15 के बाद से जंगल का 30 प्रतिशत विस्तार हुआ है. ये आदिवासी समाज के प्रकृति पूजक और रक्षक होने के कारण ही संभव हो पाया है.
सनातन धर्म आदिवासी जीवन पर ही आधारित है
पंचायती राज निदेशक निशा उरांव ने कहा कि अच्छी वर्षा के लिए आदिवासियो ने प्रार्थना की. ताकि अच्छी वर्षा हो और वर्षां हुई भी. आदिवासी समाज का जीवन यापन कृषि और प्रकृति पर आधारित है. इसलिए जनजाति के लोग प्रकृति से जुड़कर, प्रकृति में रहकर, प्रकृति से संवाद करते हैं. ताकि फसल और जीव-जन्तु सभी को संरक्षण मिल सके. कहा कि सनातन धर्म आदिवासी जीवन पर ही आधारित है. सनातन धर्म के सभी पर्व-त्यौहार प्रकृति से जुड़े हुए हैं.
बांगलादेशी मुसलिम घुसपैठियों के कारण जनजातीय समाज में असुरक्षा की भावना बनी हुई है
जनजाति सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव ने कहा कि संताल परगना के जनजाति बहुल क्षेत्र में जनजातीय समाज का अस्तित्व लुप्त होने के कगार पर है. क्योंकि बांगलादेशी मुसलिम घुसपैठ कर जनजातीय समाज के बेटी-बहू से शादी कर उनकी जमीनों को हड़पने का काम तेजी से कर रहे हैं. जिसके कारण जनजाति समाज में असुरक्षा की भावना बनी हुई है.
यदि कोई अनुसूचित जनजाति की महिला किसी गैर अनुसूचित जनजाति के पुरुष से विवाह करती है तो वह अनुसूचित जनजाति की नहीं कहलाएगी और उसे अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जाना चाहिए. प्रदेश में इसका बड़े पैमाने पर उल्लंघन हो रहा है. आदिवासी समाज के लोग अगर धर्म परिवर्तन करते हैं, तो उनका आरक्षण समाप्त किया जाये. आरक्षण की सूची से नाम हटाया (डीलिस्टिंग) जाये.
समारोह में विश्व हिंदू परिषद् के अध्यक्ष चन्द्रकांत रायपत शामिल हुए
समारोह में विश्व हिंदू परिषद् के अध्यक्ष चन्द्रकांत रायपत, पवन मंत्री, नकुल तिर्की, मेघा उरांव, रोशनी खलखो, तुलसी प्रसाद गुप्ता, जगरनाथ भगत, सुनील सिंह, रवि प्रकाश उरांव, लाला उरांव, अर्जुन राम, पिंकी खोया, हिन्दुवा उरांव, जयमंत्री उरांव, जादो उरांव, सुशील मरांडी, कृष्णा भगत, संजय मुण्डा, राजू उरांव, रणधीर सिन्हा, विजय केशरी, मनोज भगत, करूणा भगत, प्रदीप टोप्पो, सोमा उरांव, सोनी हेंब्रम, जय मंगल उरांव समेत अन्य शामिल थे