- ग्रामीणों का आरोप बीते 20 सालों से घाटशिला विधायक का नहीं हुआ दीदार
- सड़क, पानी व बिजली के लिए भाजपा नेता बाबू लाल सोरेन से लगाई गुहार
Jadugoda : घाटशिला विधानसभा क्षेत्र की फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के राजाबासा गांव के हजारों आदिवासी परिवार झारखंड अलग राज्य बनने के 24 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. यहां के ग्रामीण झरना के पानी से अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं. इस गांव में न तो चापानल है, न ही जलमीनार. ग्रामीणों का आरोप है कि झामुमो के घाटशिला विधायक रामदास सोरेन का बीते 20 सालों दीदार नहीं हुआ है.
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बुनियादी समस्याओं से महरूम पूर्वी सिंहभूम जिले गुड़ाबांदा प्रखंड की फॉरेस्ट पंचायत के राजाबासा व खिजुडदाडी गांव की कई महिलाएं आज रविवार को कई किलोमीटर का सफर तय कर भाजपा नेता बाबू लाल सोरेन से मिलने जादूगोड़ा केंद्रीय कार्यालय पहुंचे. महिलाओं ने उनसे मुलाकात कर सड़क, पानी व लाइट के लिए गुहार लगाई.
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राजाबासा गांव की रहने वाली बसंती हांसदा, पानमुनि हेंब्रम, सूरज मुनि हासदा, पाेमा सोरेन, अर्जुन मुर्मू, दिकू हांसदा, दसमत हेंब्रम ने कहा कि बीते 20 सालों से घाटशिला विधायक रामदास सोरेन की नहीं देखा जबकि पूरा गांव झामुमो को वोट देता आ रहा है. सुविधा के नाम पर राजाबासा गांव तक जाने के लिए न तो सड़क है, न चापानल और न ही जलमीनार. ऐसे में क्षेत्र के ग्रामीण झरना के पानी से प्यास बुझाते हैं. रात में हाथी का डर बना रहता है. महिलाओं ने गांव में सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट लगाने की मांग की. इन तमाम समस्याओं को लेकर महिलाओं ने भाजपा नेता बाबू लाल सोरेन की ज्ञापन देकर सुविधा उपलब्ध कराने की गुहार लगाई.
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