Lohardaga: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें आज भी राहगीरों को मौत की ओर खींच रही है. यहां की अधिकतर सड़कें उखड़-खाबड़ स्थिति में हैं, जिससे लोगों को हर वक्त जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है. ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बनते ही अपना दम तोड़ चुकी हैं. लोहरदगा में केंद्र और राज्य द्वारा सड़क निर्माण कार्य को लेकर अरबों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं, लेकिन गुणवत्ताविहीन सड़क का निर्माण कार्य कराए जाने से महज कुछ दिन में ही क्षेत्र की अत्यधिक सड़कें विभाग और संबंधित संवेदकों की पोल खोलकर रख दिया है. लोहरदगा सदर प्रखंड अंतर्गत बेटहट पंचायत और किस्को प्रखंड को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य महज साल भर पहले कराया गया था जो पूरी तरह से उखड़-खाबड़ स्थिति में आ पहुंचा है.
सदर प्रखंड और किस्को प्रखंड को जोड़ने वाली कुजरा होंदगा किस्को मुख्य पथ की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि लोग साइकिल से चलने से डरते हैं. आलम यह है कि लोहरदगा जिला अंतर्गत सभी प्रखंड क्षेत्रों की अधिकतर सड़कें राहगीरों और ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं. बता दें कि लोहरदगा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों की ज्यादातर सड़कों पर रात में सफर करने पर दुर्घटना की संभावनाएं इसलिए भी बनी रहती हैं कि लोगों को उखड़-खाबड़ में बने गड्ढे दिखाई नहीं देते हैं, जिससे लोग अक्सर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इससे लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है.
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