Rizwan Shams
Dhanbad : धनबाद कोयलांचल में पांच दशकों से मजदूरों की मजबूत आवाज बनी मासस (मार्क्सवादी समन्वय समिति) का सोमवार को भाकपा माले में विलय हो गया. धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली में विलय की आधिकारिक घोषणा मासस के कार्यकारी अध्यक्ष व निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने की. अरूप चटर्जी ने इस विलय को वामदल की मजबूती से जोड़ा. भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी रैली में शामिल होने को पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि मासस और माले की विचारधारा एक ही है. देश में परिवर्तन की चाह तैर रही है. इस विलय से नयी ताकत मिलेगी. लोकसभा चुनाव में यूपी की तरह बिहार और झारखंड में परिणाम नहीं आया, लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता में आने नहीं देंगे. इंडिया गठबंधन के मजबूत होने से इस बार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मनमानी में कमी आई है. यूट्यूबर्स पर नकेल कसने से सरकार को पीछे हटना पड़ा. बीजेपी झारखंड में सिर्फ तोड़फोड़ की राजनीति कर रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा और उनके सहयोगी संगठन सिर्फ झारखंड सरकार को अस्थिर करने का काम कर रहे हैं. केंद्र सरकार सीबीआई व ईडी का दुरुपयोग कर विरोधियों को परेशान कर रही है. लेकिन अब इंडिया गठबंधन ने मजबूती से उसका सामना किया और मुंहतोड़ जवाब दिया. मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो ने सभा की अध्यक्षता की. हालांकि उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें बीच सभा से ही जाना पड़ा. सभा का संचालन माले के जनार्दन सिंह और हलधर महतो ने किया. एकता रैली में हजारों की संख्या में वाम समर्थक मौजूद थे.
बलिदानों से आगे बढ़ी है पार्टी : विनोद सिंह
बगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि क्रांतिकारी कम्युनिस्ट धाराओं के रूप में मासस व भाकपा माले एक ही दौर में उभरे थे. एके राय के नेतृत्व में मासस ने कोलियरियों के राष्ट्रीयकरण के लिए मजदूरों का नेतृत्व किया और मजदूर व झारखंड आंदोलन को एक मंच पर लाया. दोनों ही दलों ने क्रांतिकारी संघर्षों को आगे ले जाने के लिए अपने नेता गुरुदास चटर्जी व महेंद्र सिंह को खोया भी है.
एके राय ने 1972 में की थी पार्टी की स्थापना
मासस की स्थापना 29 अप्रैल 1972 को वाम नेता एके राय ने की थी. एक वक्त था, जब धनबाद में मासस की तूती बोलती थी. एके राय स्वयं तीन बार धनबाद के सांसद रहे. निरसा और सिंदरी विधानसभा की सीट से मासस के प्रत्याशी कई बार विजयी हुए. पार्टी अब धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही थी. एके राय के बाद उनके जैसा नेतृत्व पार्टी को दुबारा नहीं मिल पाया.
रैली में ये रहे मौजूद
रैली में मासस के केंद्रीय महामंत्री हलधर महतो, सांसद सुदामा प्रसाद, राजाराम सिंह, विधायक संदीप जायसवाल, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, मिथिलेश सिंह, चंद्रदेव महतो, गीता मंडल, निताई महतो, सोबूर गोराई, जगदीश रवानी, बिंदा पासवान, कार्तिक प्रसाद हाड़ी, दिलीप राम, दिलीप तिवारी आदि शामिल थे.
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