Ranchi: रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राजकुमार फाइलों के निष्पादन में विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. इसी कड़ी में मामला रिम्स निदेशक के संज्ञान में आने के बाद जीवन रक्षक इम्प्लांट व पेसमेकर की आपूर्ति करने वाली कंपनी के भुगतान की फाइल 11 महीने बाद बढ़ाई गई. मामला कार्डियोलॉजी का है, जहां आयुष्मान भारत के अंतर्गत संबंधित विक्रेता द्वारा इम्प्लांट व पेसमेकर की कार्य आदेश के पांच दिनों के भीतर आपूर्ति की गयी थी. साथ ही भुगतान के लिए समय से बिल भी जमा किया गया था. निदेशक द्वारा गठित जांच कमिटी द्वारा पाया गया कि भुगतान संबधित 2 बिल 11 महीने और 4 महीने की देरी से बढ़ाए गए हैं. इसकी जानकारी मिलने पर निदेशक ने संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही विलंब होने के कारण की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं. यहां बता दें कि विक्रेता द्वारा आपूर्ति रोक देने की बाद में एल-2 विक्रेता से जीवन रक्षक इम्प्लांट व पेसमेकर की आपूर्ति कराई गयी थी.
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फाइल वर्क में देरी बर्दाश्त नहीं होगी – निदेशक
रिम्स निदेशक ने कहा कि किसी भी प्रकार की फाइल को विलंब से संसाधित करना स्वीकार्य नहीं है. इस तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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