Hussain Ansari
Lohardaga: ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन आजसू पार्टी का लोहरदगा में लगातार बिखराव से आगामी विधानसभा चुनाव की बेड़ा पार करने में पार्टी को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो झारखंड आंदोलनकारी नेता सह पूर्व विधायक स्वर्गीय कमल किशोर भगत के असामायिक मृत्यु के बाद से पार्टी में कार्यकर्ताओं को उचित मान-सम्मान नहीं मिला. साथ ही बीते दो बार से विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल दिन ब दिन टूटता चला गया.
लोहरदगा में विगत दिनों कार्यकर्ताओं का पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरे दलों में शामिल होने और पार्टी में टूट के बारे में शुभम संदेश टीम ने डॉ देवशरण भगत से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि लोहरदगा में आजसू पार्टी मजबूत है और आगे भी रहेगा. डॉ देवशरण भगत ने कहा कि राजनीति में लोगों का इधर-उधर आना-जाना लगा रहता है, इससे थोड़ा बहुत नुकसान जरूर होता है. कहा कि लोहरदगा में आजसू पार्टी में जो भी मामला चल रहा है, उसे दूर करने के लिए आलाकमान जुटा हुआ है. निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव से पहले सबकुछ ठीक कर लिया जाएगा.
आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत से विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट पर एनडीए गठबंधन के तहत आजसू का चुनाव लड़ना चाहिए. इसपर उन्होंने कहा कि आलाकमान इसपर निर्णय लेंगे कि किन्हें सीट मिलना चाहिए. हालांकि डॉ देवशरण भगत ने एक बात साफ शब्दों में कहा कि लोहरदगा विधानसभा सीट आजसू पार्टी के लिए संघर्ष से उपजी और सुरक्षित सीट है ऐसे में आजसू पार्टी को लोहरदगा सीट मिलने की प्रबल संभावना है.
इधर शुभम संदेश से खास बातचीत में एक लोहरदगा विधानसभा सीट आजसू को मिलने पर किया खुद की उम्मीदवारी हो सकती है, इसपर उन्होंने कहा कि वे आलाकमान और लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र के हर एक कार्यकर्ता के फैसले का स्वागत करेंगे, जिन्हें भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी उसपर एकजुटता दिखाते हुए पार्टी और एनडीए गठबंधन हित में मिलकर जीत सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा.
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आजसू की केंद्रीय महासचिव नीरू शांति भगत ने नहीं उठाया फोन
आगामी विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट पर आजसू पार्टी की तैयारियों और पार्टी के अंदर अंतर्कलह को दूर करने में पार्टी की ओर से क्या पहल हो रही है. इसपर बात करने के लिए आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव नीरू शांति भगत से दूरभाष पर संपर्क स्थापित किया गया, लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाए जाने से उनका पक्ष नहीं मिल पाया. बहरहाल जो भी हो लेकिन लोहरदगा आजसू में दिन ब दिन बढ़ती टूट से विधानसभा चुनाव में पार्टी के समक्ष अनेकानेक चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है.
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