Jaipur : राजस्थान के रामगढ़ विधानसभा से कांग्रेस के विधायक जुबेर खान का शनिवार सुबह 5:50 बजे निधन हो गया है. उन्होंने अलवर शहर के पास ढाई पेडी स्थित अपने फार्म हाउस में अंतिम सांस ली. आज शाम जुबेर खान को रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया जायेगा. जानकारी के अनुसार, डेढ़ साल से वे बीमार थे. एक साल पहले उनका लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था. लोकसभा चुनाव के दौरान ज्यादा दौड़-भाग करने के कारण उनकी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बढ़ गयी थी. वहीं पिछले 15 दिनों से जुबेर खान की तबीयत काफी ज्यादा खराब थी.
अशोक गहलोत ने जुबेर खान के निधन पर दुख जताया
जुबेर खान के निधन पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने दुख जताया है. गहलोत ने एक्स पर लिखा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक जुबेर खान का इंतकाल हम सभी के लिए गहरा दुख देने वाला है. जुबेर खान अपने क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध थे और आखिरी समय तक जनसेवा में लगे रहे. उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है. मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक श्री जुबेर खान का इंतकाल हम सभी के लिए गहरा दुख देने वाला है। श्री जुबेर खान अपने क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध थे एवं आखिरी समय तक जनसेवा में लगे रहे। उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है।
मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को… pic.twitter.com/E1FqOECqdC
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 14, 2024
1990 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अलवर के रामगढ़ से बने थे विधायक
बता दें कि जुबेर खान के गांधी परिवार से अच्छे संबंध थे. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई अलवर में पूरी की और फिर दिल्ली चले गये. जहां उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की. ज़ुबेर खान के दो बेटे आदिल (29) और आर्यन (26) हैं. जुबैर खान 1990 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अलवर के रामगढ़ से विधायक बने थे. उस समय उनकी उम्र 25 साल थी. 1993 में वे फिर विधायक बने. जुबेर खान एनएसयूआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. वे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2003 में वह एक बार फिर विधायक बने और उसके बाद विधानसभा में सचेतक रहे. हालांकि, 2008 और 2013 में वे चुनाव हार गये. इसके बाद 2018 में कांग्रेस ने जुबैर खान की पत्नी साफिया खान को टिकट दिया और वे जीत गयी. 2023 में जुबेर खान फिर से विधायक बने. जुबेर खान की पत्नी साफिया राजनीति में सक्रिय हैं और विधायक भी रह चुकी हैं.
जुबैर के निधन के बाद सात विस सीट हो गयी खाली
जुबेर खान की मौत के बाद राज्य में रिक्त हुई विधानसभा सीटों की कुल संख्या सात हो गयी है. इसलिए अब सात सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होंगे. पांच सीटें पहले ही खाली हो गयी थीं, क्योंकि मौजूदा विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गये थे. वहीं हाल ही में छठी सीट, सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण रिक्त हुई थी. जिन पांच सीटों पर विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव होंगे, उनमें दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, खींवसर और चौरासी शामिल हैं.