-रांची के शौर्य सभागार से 11,000 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों का ऑनलाइन उद्घाटन
– बिरसा मुंडा की धरती पर सातवें राष्ट्रीय पोषण माह का समापन
– पोषण अभियान को गति देने के लिए जनजागरूकता पर जोर
Ranchi: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार को 11,000 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों का रांची से ऑनलाइन उद्घाटन किया. डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में आयोजित सातवें राष्ट्रीय पोषण माह के समापन कार्यक्रम में झारखंड सहित देशभर में पोषण अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की अपील की गई. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कुपोषण के खिलाफ इस अभियान को एक सतत प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. कहा कि यह जागरूकता अभियान केवल एक माह तक सीमित न रहे, बल्कि निरंतर चलता रहे, ताकि देश से कुपोषण की समस्या का जड़ से उन्मूलन हो सके. वहीं, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि बापू की धरती गुजरात से पोषण अभियान का शुभारंभ हुआ था और अब भगवान बिरसा की धरती पर इसका समापन हो रहा है. इस अभियान का उद्देश्य कुपोषण रूपी दानव को समाप्त करना है. मौके पर महिला, बाल विकास विभाग, केंद्र सरकार के सचिव अनिल कुमार मल्लिक, विभागीय सचिव मनोज कुमार, निदेशक शशि प्रकाश झा सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के कई पदाधिकारी उपस्थित थे. अंत में महिला, बाल विकास विभाग, झारखंड सरकार के निदेशक ने सभी का आभार प्रकट किया.
सामूहिक प्रयास से ही कुपोषण का उन्मूलन संभव
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह का उद्देश्य केवल जागरूकता बढ़ाना ही नहीं है, बल्कि इसे एक जन आंदोलन का रूप भी देना है. कुपोषण के खिलाफ सामूहिक प्रयास से ही यह संभव है. हर व्यक्ति, विशेषकर महिलाएं और बच्चे सही पोषण प्राप्त करें, ताकि एक सशक्त और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण हो सके. उन्होंने कहा कि इस कार्य में आंगनबाड़ीकर्मियों की भी अहम भूमिका है. राज्यपाल ने उन सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों और संस्थाओं को बधाई दी, जिन्होंने राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान आमजनों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा कि एक सशक्त भारत के निर्माण के लिए हर बच्चे और हर मां को सही पोषण मिलना अत्यंत आवश्यक है. भारत सरकार की पोषण योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को सशक्त बना रहे हैं
राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह का थीम- एनीमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, प्रौद्योगिकी और एक पेड़ मां के नाम जैसे विषयों पर केंद्रित रहा. इन विषयों के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है. पोषण केवल शारीरिक स्वास्थ्य का नहीं, हीं बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास का भी आधार है. पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प और दूरदर्शी सोच के कारण पोषण योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने पीएम के ‘ईट लोकल, थिंक ग्लोबल’ के आह्वान का उल्लेख करते हुए लोगों से मोटा अनाज, साग-सब्जियां जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने का आह्वान किया. स्थानीय खाद्य पदार्थों को अपने आहार का हिस्सा बनाने पर भी जोर दिया.
झारखंड में 19.53 लाख गतिविधियां हुईं : अन्नपूर्णा
कार्यक्रम में अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि पोषण माह के दौरान देश के सभी 36 राज्यों के 766 जिलों में करोड़ों गतिविधियों का आयोजन किया गया. सिर्फ झारखंड में भी 19 लाख 53 हजार गतिविधियां आयोजित की गईं. पोषण माह के दौरान कई नई जानकारियों को सीखने-जानने को मिलता है. इसके आधार पर देश के आनेवाले भविष्य को संवारने का भी मौका मिलता है. देश भर में 13 लाख 95 हजार आंगनबाड़ी हैं. इनमें पीएम मोदी की अपील पर 87 लाख पौधे ‘एक पेड़, मां के नाम’ कार्यक्रम के तहत लगाए गए. आंगनबाड़ी केंद्रों के अलावा केंद्र सरकार के स्तर से पीएम जनमन योजना, मिशन वात्सल्य, मिशन शक्ति, पीएम मातृ वंदना योजना सहित अन्य प्रयासों के जरिए भी महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए काम किए जा रहे हैं. मौके पर राज्यपाल द्वारा बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार भी किया गया. साथ ही धात्री महिलाओं की गोद भराई रस्म भी हुई.
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