Dhanbad : धनबाद के वासेपुर के जमीन कारोबारी शहाबुद्दीन सिद्दिकी की मंगलवार को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात को बाइक सवार तीन अपराधियों ने अंजाम दिया है. शहाबुद्दीन को अपराधियों ने नवाडीह स्थित उनके कार्यालय के ठीक बाहर गोली मारी और फरार हो गए. इस हत्याकांड के पीछे गैंग्स ऑफ वासेपुर के शातिरों का नाम सामने आ रहा है. परिजनों के मुताबिक दो साल से शहाबुद्दीन से रंगदारी की मांग की जा रही थी. रंगदारी नहीं देने के कारण हत्या हुई है. वारदात के बाद पूरे वासेपुर में दशहत का माहौल है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सिटी एसपी अजीत कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है.
वासेपुर पांडरपाला निवासी शहाबुद्दीन के भतीजे सद्दाम ने बताया कि असर्फी अस्पताल के समीप ही शान डेवलपर्स का कार्यालय है. शान डेवलपर्स के नाम से उनके चाचा शहाबुद्दीन रियल इस्टेट का कारोबार करते थे. वे झरिया से कार से अपने ऑफिस लौट रहे थे. ऑफिस के समीप वह जैसे ही कार से उतरे और कुछ दूर चले बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने उनके ऊपर गोली चला दी. एक राउंड फायरिंग करने के बाद अपराधी वहां से फरार हो गए. गोली की आवाज सुन आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में शहाबुद्दीन को जख्मी हालात में असर्फी अस्पताल ले गए. गोली उनकी गर्दन पर लगी थी. जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
घटनास्थल से एक खोखा बरामद
वारदात की खबर पाकर पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची. डीएसपी विधि व्यवस्था दीपक कुमार ने बताया कि सिटी एसपी के नेतृत्व में एसआईटी की टीम गठित कर दी गई है. जिसमें डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर, डीएसपी ट्रैफिक,डीएसपी हेड क्वार्टर-1,थाना प्रभारी धनबाद, थाना प्रभारी बैंक मोड़, थाना प्रभारी भूली और थाना प्रभारी केंदुआडीह शामिल हैं. बताया कि घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज को भी खंगाला जा रहा है. घटनास्थल से एक खोखा बरामद किया गया है.
प्रिंस-गोपी दे रहे थे धमकी
शहाबुद्दीन के करीबियों ने बताया कि उसे लगभग दो सालों से प्रिंस खान व गोपी खान की तरफ से धमकी दी जा रही थी. पहले उसे एक बॉडीगार्ड भी दिया गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया. इधर काफी दिनों से अपराधी उसकी रैकी कर रहे थे. इस बात की भनक शहाबुद्दीन को भी हो चुकी थी. इसी कारण शहाबुद्दीन ने अपनी गतिविधियों पर काफी हद तक पाबंदी लगा दी थी. वह सार्वजनिक स्थलों पर जाने से परहेज करता था. यहां तक कि आफिस और घर आवागमन में भी काफी सतर्कता बरतते थे. बावजूद इसके अपराधियों ने उन्हें निशाना बना लिया.