- राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए चाईबासा के भी चिकित्सक
Chaibasa (Sukesh kumar) : भटिंडा पंजाब के एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में मैपिकॉन (एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया मालवा चैप्टर, पंजाब कॉन्फ्रेंस) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर से विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर चाईबासा शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सौम्या सेनगुप्ता को भी डायबिटिक सुधार के क्षेत्र में निरंतर किए जा रहे उनके शोध की प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया था.
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उन्होंने सीमित संसाधनों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमेह के कारण होने वाली पैर की जटिलताओं की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में अपने विचार, शोध और उद्देश्य प्रस्तुत किए. उन्होंने बताया कि अनियंत्रित डायबिटीज के कारण बड़ी संख्या में लोग फूट अल्सर के शिकार हो रहे हैं और अपने पैर से जुड़ी कई विषमताओं का सामना करने को विवश होते हैं. इन्हें थोडी सावधानी से रोका जा सकता है.
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उन्होंने चिकित्सा जगत को इस परिस्थिति से उबरने के तरीकों की जानकारी उदाहरणों और चलचित्रों के माध्यम से प्रदान की. डॉ. सौम्या की इस प्रस्तुति और विचारों से इस विषय में भविष्य की दूरदर्शिता और ग्रामीण स्तर पर मधुमेह की रोकथाम के उनके प्रयासों को व्यापक स्वीकार्यता और सराहना मिली. इसे मधुमेह की परंपरागत चिकित्सा व्यवस्था और प्रणाली के सुधार के तौर पर एक कदम के रुप में समझा जा सकता है.
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