Delhi: सुप्रीम कोर्ट में 28 और 29 सितंबर को दिव्यांग बच्चों के अधिकारों की रक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श का आयोजन किया गया. यूनिसेफ इंडिया के सहयोग से आयोजित इस परामर्श का उद्देश्य विकलांग बच्चों के लिए एक समावेशी समाज बनाने के लिए समझ को गहरा करना और कार्यों में तेजी लाना है. विशेष रूप से उन लोगों के संबंध में जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है और जो कानून के साथ संघर्ष में हैं. दो दिवसीय विचार-विमर्श शीघ्र पहचान, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, परिवार-आधारित देखभाल, सुरक्षा, सुरक्षा और कानूनी सेवाओं के बीच संबंधों में सुधार पर केंद्रित रहा. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाइ चंद्रचूड़ राष्ट्रीय परामर्श में उद्घाटन भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों से संबंधित एक हैंडबुक जारी की और एक ऑडियोबुक भी जारी किया. सुप्रीम कोर्ट में झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस अनिल कुमार चौधरी और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने किया. झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता, झालसा की सचिव रंजना अस्थाना समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
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