- चांडिल डैम से 116 गांव के विस्थापितों के ज्वलंत मुद्दों पर किया प्रदर्शन
Chandil (Dilip Kumar) : सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के चांडिल डैम से विस्थापित चावलीबासा निवासी गुरुचरण साव ने पोस्टर के माध्यम से सरकार के समक्ष विस्थापितों की व्यथा बताई. झारखंड विधानसभा गेट पर उन्होंने चांडिल डैम से प्रभावित 116 गांव के विस्थापितों के ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन किया. हाथों में लिए बैनर के माध्यम से उन्होंने सरकार और राजनीतिक दलों से कई सवाल किए. गुरुचरण साव ने कहा कि झारखंड बनकर 24 साल बीत गए. राज्य में सभी राजनीतिक दलों ने राज किया. सबने चांडिल डैम के विस्थापितों के दुख दूर करने का वादा कर वोट बटोरा, लेकिन किसी ने भी विस्थापितों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास नहीं किया. अब विस्थापित किस पर विश्वास करें.
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रोजी-रोटी का प्रबंध करे सरकार
उन्होंने बताया कि चांडिल डैम से 116 गांवों के लोग विस्थापित हुए हैं. सरकार ने उस वक्त एक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. कुछ लोगों को दिया भी गया, लेकिन अधिकांश लोगों को नौकरी नहीं मिली. उनकी आजीविका कैसे चलेगी. सरकार विस्थापितों की रोजी-रोटी का प्रबंध करे. गुरुचरण साव ने कहा कि बगैर संपूर्ण पुनर्वास किए सुवर्णरेखा परियोजना द्वारा चांडिल डैम के विस्थापितों को बिना सूचना दिए हर साल उनके गांवों को जलमग्न कर मकानों को तबाह किया जा रहा है. बगैर संपूर्ण पुनर्वास के विस्थापितों को बेघर करने का जिम्मेदार आखिर कौन है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार से पूछा कि आखिर विस्थापितों के साथ न्याय कब होगा और राज्य में विस्थापन आयोग का गठन कब होगा.
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