Ranchi/Deoghar : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने देवघर के सिविल सर्जन को रंगे हाथ 70 हजार घूस लेते गिरफ्तार किया है. दुमका एसीबी की टीम ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए बेला बागान स्थित आवास से सिविल सर्जन को गिरफ्तार किया. जानकारी के मुताबिक, सिविल सर्जन ने अस्पताल से जुड़े एक काम की रिपोर्ट देने नाम पर घूस की मांग की थी. लेकिन वादी घूस देने को तैयार नहीं था. इसके बाद वादी ने एसीबी से इसकी शिकायत की थी. एसीबी ने मामले का सत्यापन कराया तो घूस मांगे जाने की बात सही पायी गयी. इसके बाद एसीबी ने सिविल सर्जन को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम सिविल सर्जन को अपने साथ दुमका लेकर चली गयी.
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प्रोविजनल प्रमाण-पत्र रेन्युअल के नाम पर मांगा घूस
एसीबी से किए शिकायत में मधुपुर में बंगाल नर्सिंग होम चलाने वाले आसनसोल निवासी महफूज आलम ने कहा कि साल 2020 में उन्होंने मधुपुर के कॉलेज रोड में दस बेड का अस्पताल खोला है. इनके नर्सिंग होम का नौ जून 2024 तक का प्रोविजनल प्रमाण-पत्र (सं0-203500021) था. जिसका रेन्युअल कराना था. इस बीच इनका गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन हुआ था. जिसके कारण नर्सिंग होम संचालक ने 24 दिन की देरी से तीन जुलाई 2024 को प्रमाण-पत्र रेन्युअल का आवेदन सिविल सर्जन कार्यालय, देवघर को दिया. लेकिन काफी दिन के बाद भी जब इनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ये सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा से मिले. सिविल नर्सिंग होम का प्रमाण-पत्र रेन्युअल कराने के नाम पर एक लाख रुपए घूस की मांग की थी.
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