NewDelhi : देश का उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर फिर सुर्खियों में है. मणिपुर में फिर हिंसा की आग भड़क गयी है. खबर है कि केंद्र ने वहां सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सीएपीएफ की 50 कंपनियां भेजने का फैसला किया है. इसमें 5,000 से ज्यादा जवान शामिल होंगे.
CAPF के वरिष्ठ अधिकारी मणिपुर में मौजूद हैं
इन जवानों में 35 यूनिट केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के और बाकी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान शामिल हैं. वर्तमान में सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल एडी सिंह और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के वरिष्ठ अधिकारी राज्य(मणिपुर) में मौजूद हैं।
खबर है कि मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने सोमवार शाम 6 बजे एनडीए के मंत्रियों और विधायकों की मीटिंग बुलाई है. अधिकारियों के अनुसार मीटिंग में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जायेगी.
एनपीपी के सात विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया
बता दें कि एनपीपी के सात विधायकों ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. एनपीपी का आरोप है कि बीरेन सिंह सरकार इस पूर्वोत्तर राज्य में समस्या को हल करने में पूरी तरह से विफल रही है. हालांकि एनपीपी द्वारा भाजपा से समर्थन वापस लेने से भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत
इधर पुलिस ने जानकारी दी है कि जिरीबाम जिले में संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी है चश्मदीदों के अनुसार गोलीबारी सुरक्षा बलों की दिशा से हुई थी. यह घटना रविवार देर रात की है, जब उग्रवादियों द्वारा अगवा की गयी महिलाओं और बच्चों की हत्या के विरोध में आंदोलनकारी जिरीबाम पुलिस स्टेशन क्षेत्र के बाबूपारा में संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे थे.
फायरिंग में मरने वाले की पहचान के 20 साल के अथौबा के तौर पर हुई है. खबर है कि कांग्रेस और भाजपा के ऑफिस सहित जिरीबाम के निर्दलीय विधायक के घर में प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप ने हल्ला बोला है. वे उनके घरों से फर्नीचर, कागज सहित अन्य सामान बाहर लाये और उनमें आग लगा दी
COCOMI का सरकारी ऑफिस बंद रखने का आह्वान
मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) ने कहा कि कुकी-हमार उग्रवादियों द्वारा हमलों और हत्याओं से लोगों की जिंदगी और संपत्तियों की सुरक्षा करने में केंद्र विफल रहा है और इसके विरोध में सभी सरकारी ऑफिस को बंद रखेंगे