Ranchi: भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविंद्र राय ने कहा है कि भाजपा चुनाव को बहुत ही सहज ढंग से लेती है. पार्टी की पांच निष्ठा है, उसमें दूसरी सबसे महत्वपूर्ण निष्ठा लोकतंत्र है. पार्टी नहीं चाहती है कि लोकतंत्र में टकराहट हो सकारात्मक सहयोग की भूमिका विपक्ष और सत्ता पक्ष से भी महसूस करते हैं. झामुमो और कांग्रेस के समर्थक चुनाव परिणाम आने के बाद अहंकार में चूर हो गए हैं. लोकतंत्र को कलंकित करने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले तीन दिनों से खुशी के माहौल में दूसरे को अपमानित किया जा रहा है. डॉ राय मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड को बंगाल बनाने की भूल झामुमो नहीं करें. यहां पर राजनीतिक दब्बूपन किसी में नहीं है. भाजपा ने परिणाम को सहजता से स्वीकार किया है. सरकार बनाने के मौके पर उन्हें शुभकामनाएं दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा का कार्यकर्ता चूड़ी पहन कर बैठा है.
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हर जगह अराजकता पैदा करने ही हो रही है कोशिश
अराजकता पैदा करने की कोशिश हर जगह हो रही है. राजमहल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं को भयभीत करने और सामाजिक उत्पीड़न देने का काम किया जा रहा है. मारपीट की घटनाएं घट रही हैं. बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में जीते झामुमो उम्मीदवार के समर्थक पिछले तीन दिनों से लगातार चाकुलिया, बहरागोड़ा में उत्पात मचा रहे हैं. भाजपा सांसद के कहने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सका है. नवनिर्वाचित विधायक समीर मोहंती का भतीजा राकेश मोहंती और ओडिशा में रहने वाला उनका भांजा अविनाश पटनायक जगह-जगह पर अपने साथ आपराधिक तत्वों को लेकर उपद्रव करने का काम कर रहे हैं. मनोज पाल की टीवी को तोड़ दी गई. मारपीट की गई. चाकुलिया के भाजपा कार्यकर्ता शंभू नाथ मल्लिक, मनोज अग्रवाल के घर में जाकर परिवार को अपमानित करने की कोशिश की गई. सुशील शर्मा के साथ भी अभद्र व्यवहार किया.
सीता सोरेन के खिलाफ अभद्र शब्द का किया गया उपयोग
डॉ राय ने कहा कि सीता सोरेन चुनाव की गणना के बाद जब निकली, तब उनके कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्र शब्द का प्रयोग किया गया. जामताड़ा में उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का काम किया गया. चुनाव के समय भी उनके खिलाफ गंदे शब्दों का प्रयोग किया गया था. जहां-जहां अल्पसंख्यक समाज की बहुलता है, वहां समाज में तनाव पैदा करने का काम वे कर रहे हैं. बर्दाश्त करने की एक सीमा होती है. भाजपा के कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतरने की मजबूरी नहीं हो जाए. प्रशासन की संवैधानिक व्यवस्था रहनी चाहिए.
आनेवाली सरकार में रहेगा सुरक्षा का आभाव
सरकार गठन के पहले ही झारखंड को यह संदेश जा रहा है कि आने वाली जो सरकार है, उसमें जान माल की सुरक्षा का अभाव रहेगा. लोगों की जान माल की सुरक्षा की चिंता शायद प्रशासन ना कर सके तो स्वयं करना होगा. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा. संविधान दिवस के अवसर पर फिर से अपील करना चाहूंगा कि झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी चुनाव के बाद कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठा है. लोकतंत्र को कलंकित करने की कार्रवाई झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस द्वारा हो रहा है, इस पर तुरंत रोक लगाए, ताकि किसी भी राजनीतिक प्रतिशोध में सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं पड़े. सत्ता का परिवर्तन सहज और स्वाभाविक तरीके से होना चाहिए. स्वाभाविक प्रकृति को तोड़ने का काम करने पर इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की होगी.
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