Ranchi: हेमंत सरकार ने झारखंड चुहुंमुखी विकास का खाका खींच लिया है. रोड मैप भी तैयार है. इसकी झलक बुधवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण में भी दिखी. इसमें नियुक्ति से लेकर जनकल्याणकारी योजनाओं तक का जिक्र किया गया है. इसमें रोजगार सृजन की भी बात की गई है. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 50 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा.
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नियुक्ति की बात
राज्यपाल के अभिभाषण में जिक्र किया गया है कि राज्य में 60,000 पदों पर शिक्षकों, 15,000 पदों पर प्रधानाध्यापकों, विभिन्न कार्यालयों में 2,500 पदों पर लिपिकों एवं विभित्तु थानों में 10,000 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी. क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 10,000 पदों पर भाषा शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.
स्थानीयता और क्षेत्रीय-जनजातीय भाषा की बात
राज्य सरकार “हो”, “मुंडारी”, “कुडुख” व अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की पहल करेगी. साथ ही आदिवासी-मूलवासी को स्थानीय नीति बनाकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण देने की पहल करेगी. पांचवी विधानसभा ने सर्वसम्मति से पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, आदिवासी को 28 प्रतिशत और दलित को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक एवं सरना-आदिवासी धर्म कोड को पारित कराके स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार के पास भेजा है, जो अभी गृह मंत्रालय में लम्बित है, आगामी कार्यकाल में केन्द्र सरकार से इन विषयों को स्वीकृत कराने का हर संभव प्रयास भी किया जाएगा.
पत्रकारों के बीमा पेंशन से लेकर सहारा के निवेशकों का सहयोग भी
राज्य में निबंधित सभी पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण, बीमा और पेंशन का अधिकार सुनिश्चित किया जायेगा. सहारा इंडिया से पीड़ित राज्य के निवेशकों की लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय से लेकर राज्य के हर न्यायालय और संसद से लेकर सड़क तक हर मोर्चे पर पूरी मजबूती से लड़ी जाएगी, जब तक राज्य के सभी निवेशकों का भुगतान न हो जाए. जिन सहारा पीड़ितों ने अपने प्राण गंवाए अथवा दुःख या अवसाद में आत्महत्या करने को मजबूर हुए, उनके परिजनों को सरकारी स्तर पर आर्थिक सहयोग प्रदान किया जायेगा.
केंद्र से बकाया राशि की मांग
केन्द्र सरकार एवं उनकी कंपनियों के पास पड़ा राज्य का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया वापस लाने के लिए सरकार कानूनी रास्ता भी अपनाएगी. साथ ही वर्षों से खासमहल एवं जमाबंदी की जमीनों पर रह रहे परिवारों को मान-सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के साथ-साथ गैरमजरूवा जमीन पर बसे रैयतों की भूमि जिसकी रजिस्ट्री और रसीद काटने पर 2017 में रोक लगा दी गयी थी, उसे प्रारंभ किया जायेगा.
किसानों के हितों का ख्य़ाल
राज्य के किसानों को 0% ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जायेगा. मनरेगा के तहत झारखण्ड के मजदूरों को भारत सरकार बहुत कम मजदूरी देती है. इस भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने के साथ-साथ राज्य सरकार अपनी निधि से राज्य के मनरेगा मजदूरों को सहपोग करेगी, जिससे कि उन्हें न्यूनतम 350/- रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिल सके. राज्य में अवस्थित विभिन्न नदियों एवं डैम के पानी का सदुपयोग करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गयी लिफ्ट इरिगेशन योजना को आगे बढ़ाते हुए 10,000 करोड़ रुपये की योजनाएं प्रारंभ की जाएंगी.
शिक्षा को बढ़ावा
राज्यभर में प्रखंड स्तर पर 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना करेंगे, सभी सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस में खेल शिक्षक एवं संगीत शिक्षक की नियुक्ति की जायेगी. साथ ही 4,500 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय प्रारंभ किये जाएंगे. राज्य में प्रत्येक प्रखंड में डिग्री कॉलेज एवं प्रत्येक अनुमंडल में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी. राज्य में 10 वीं कक्षा में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से जोड़ते हुए 15 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. सभी प्रखंडों और जिलों में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर लाइब्रेरी सह शिक्षा सहयोग केन्द्रों की स्थापना की जाएगी. क्लास से पीएचडी तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी. राज्य में मदरसा बोर्ड के साथ अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड एवं उर्दू अकादमी का गठन किया जायेगा.
महिलाओं का ख्याल
राज्य सरकार की सभी नियुक्तियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत पद आरक्षित किये जाएंगे. सभी महिलाओं को मईया सम्मान योजना के तहत सम्मान राशि के रूप में 2,500 रुपये हर महीने दिए जाएंगे. आंगनबाड़ी सेविका, आंगनबाड़ी सहायिका, रसोईया, पोषण सखी, स्वास्थ्य सहिया, जल सहिया आदि के मानदेय में हमारी सरकार ने सम्मानजनक वृद्धि की है. इस कार्यकाल में इनके मानदेय में अन्य कर्मियों के अनुरूप वार्षिक वृद्धि की जाएगी. स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी राखी मंडल की महिलाओं को 15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराते हुए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे सक्रिय महिला, समन्वयक कार्यक्रम पदाधिकारी आदि जेएसएलपीएस से जुड़े सभी कर्मियों के मानदेय में अन्य कर्मियों के अनुरूप वृद्धि की जाएगी.
जनकल्याणकारी योजनाओं की बात
प्रत्येक ग्राम संगठन की 0% ब्याज दर पर 15-15 लाख रुपये का हेडिट लिंकेज उपलब्ध कराया जायेगा. राज्य के सभी जरूरतमंद परिवारों को 15 लाख रुपये के अनुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जायेगा. राज्य के सभी गरीब व्यक्ति को प्रति महीने 7 किलोग्राम चावल एवं 2 किलोग्राम दाल उपलब्ध कराया जायेगा अबुआ आवास योजना के तहत 25 लाख से अधिक गरीब परिवारों को सुविधायुक्त तीन कमरों का सुंदर आवास चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया जायेगा. आंगनबाड़ी केन्द्रों और विद्यालयों के मध्याहन भोजन में सभी बच्चों को प्रति दिन अंडा या फल दिया जायेगा.
नक्शा का नियमितिकरण भी
रांची सहित राज्य के अन्य शहरों में वर्षों पूर्व बनाये गए घरों के नक्शों का नियमितीकरण किया जायेगा. वन विभाग के अंतर्गत इको टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का निर्माण करते हुए राज्य के वन क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवश्यक अवसंरचनाओं का निर्माण एवं संचालन किया जायेगा.
सरकारी कर्मियों के हितों का ख्याल
राज्य कर्मियों के पुरानी पेंशन को सुरक्षित रखते हुए उनके एनपीएस खाते में जमा राशि को केन्द्र सरकार से वापस लाने के लिए कदम उठाये जाएंगे. राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल प्राप्त करने वाले खिलाडियों की सरकारी पदों पर सीधी नियुक्ति की जायेगी.
खेल को प्रोत्साहन
राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बहुद्देशीय स्टेडियम सह खेल प्रशिक्षण केन्द्र के निर्माण के साथ-साथ प्रत्येक प्रमंडल में 1-1 स्पोर्ट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया जायेगा. राज्य में फुटबॉल, हॉकी एवं तीरंदाजी जैसे खेलों में उपलब्ध प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के क्षमता विकास के लिए तीन बहुद्देशीय प्रशिक्षण संस्थानों का निर्माण किया जायेगा. राज्य में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी.
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