Ranchi: झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि रामदास सोरेन को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का मंत्री बनाया जाना बेहतर कदम साबित होगा. संघ के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि अविभाजित बिहार से 4401 योजना मद में प्राप्त सहायक शिक्षक (उर्दू) के पदों पर झारखंड सरकार द्वारा 2014 -2015 में मात्र 689 पदों पर उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जबकि सरकार के विभागीय संकल्प संख्या 259, द्वारा सभी 4401 योजना मद के सहायक शिक्षक के पदों को गैर योजना मद में स्थानांतरित किया जा चुका है.
इस तरह शेष 3712 गैर योजना मद में सहायक शिक्षक (उर्दू) के पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हुई है. इस दिशा में मंत्री रामदास सोरेन से उम्मीद करते हुए संघ द्वारा रिक्त 3712 सहायक शिक्षक (उर्दू) के पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने की मांग की गई है. इसके साथ ही उर्दू सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं तथा बांग्ला, ओड़िया, नागपुरी, संथाली, हो, खड़िया आदि के पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिये सभी भाषाओं की पाठ्य -पुस्तकें शीघ्र मुहैया कराने की मांग की गई. राज्य गठन के पश्चात भी 2010 तक सभी विषयों की पुस्तकें उर्दू (फारसी) लिपि में मिलते रहे हैं.
राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषा अथवा अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की पहल से आरटीई 2009 का अनुपालन करने की दिशा में ठोस कदम साबित होगा, क्योंकि इससे प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई सुनिश्चित होगी. इस संबंध में संघ लगातार सरकार से मांग करती आ रही है. राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद एवं प्रवक्ता शहजाद अनवर ने कहा कि जल्द ही संबंधित मामलों पर शिष्टमंडल शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मिलकर शिक्षा एवं शिक्षक हित में लंबित मामलों के निष्पादन के लिए अपनी मांगों को रखेंगे.
इसे भी पढ़ें – योगी ने संभल मुद्दे पर विपक्ष पर हल्ला बोला, प्राचीन मंदिर और बजरंग बली की मूर्ति रातों-रात आ गयी क्या?
Leave a Reply