Ranchi : बिरसा चौक के पास रेलवे की जमीन पर सैकड़ों अवैध मकान तोड़े गये. इस जमीन पर महली औऱ उरांव समुदाय के लगभग 650 से अधिक आदिवासी परिवार जीवन बसर करते थे. यहां वे लोग 40- 45 एसबेस्टस के मकान बनाकर वहां रहते थे और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. उनकी दो से तीन पीढ़ियां यहां गुजर चुकी है. पीडित परिवार के लोगों ने लगातार.इन से कहा, एक माह पहले घर खाली करने का आदेश जारी किया गया था.
एक सप्ताह बाद प्रशासन जेसीबी लेकर मुहल्ले में पहुंच गया
एक सप्ताह बाद प्रशासन जेसीबी लेकर मुहल्ले में पहुंच गया. आज सुबह 11 बजे माइक से घर खाली करने का अनाउंस किया गया. सुनकर लोगों की आंखों में आंसू आ गये. जेसीबी ने घर तोड़ने शुरू किये, तब वहां मौजूद सैकड़ों आदिवासी परिवारों के बीच चीख पुकार मच गयी. लेकिन बचाने के लिए कोई सामने नही आया.
विधानसभा चुनाव के समय आदिवासी नेता वोट मांगने आये थे
यहां रहने वाली लालो देवी ने कहा, घर टूटने के बाद बच्चों को ठंड से बचाने के लिए रोड की दूसरी तरफ झुग्गी बनाकर रह रहे हैं. दूसरों के घरो में काम करते है. वहीं से मदद मिल रही है .विधानसभा चुनाव के समय कई आदिवासी नेता मसीहा बनकर वोट मांगने आये थे, जब घर टूटने शुरू हुए, तो कोई सामने नही आया. पीडित परिवार की लालो महली ने बताया कि मंदिर औऱ चर्च को छोड़ दिया गया.
लालो महली ने कहा, घर बनाने का पैसा किसी के पास नहीं है
एक दिन में एक से डेढ़ सौ घर उजाड़ दिया. लालो महली ने कहा, घर बनाने का पैसा किसी के पास नहीं है. मेलानी केरकेट्टा बताया कि शादी इसी घर मे हुई थी. घर द्वार देखकर परिवारों ने शादी कर दी थी. कहा कि हमें बिजली, राशन, विधवा पेंशन और वृद्दा पेंशन भी लोगों को मिलती है. सुषमा देवी ने बताया कि लोक सभा औऱ विधान सभा चुनाव में नेता वोट मांगने पहुंचे. कई वादे किये. लेकिन जीतने के बाद कोई नहीं आया. किसी ने गरीबों को आसियाना बना कर नहीं दिया. यहां पीने के पानी के लिए टंकी लगायी गयी थ. यहां के लोग आसपास क्वार्टरों और घरेलू काम करते हैं.