- दीप्ती कंस्ट्रक्शन पर टाटा स्टील के कर्मियों की सोसायटी सम्पूर्ण सहकारी समिति के सदस्यों का आरोप
Adityapur (Sanjeev Mehta) : मांझी टोला में टाटा स्टील के 16 कर्मचारियों ने एक साथ 36 कट्ठा जमीन 1983 में ख़रीदकर सम्पूर्ण सहकारी समिति बनाई. जिसके बाद कर्मचारियों ने जमीन को डेवलप करने के लिये 25 अप्रैल 2011 को दीप्ती कंस्ट्रक्शन के विनय चौबे के साथ एग्रीमेंट किया. इसके तहत उस जमीन पर सद्गुरु अपार्टमेंट्स नामक फ्लैट बनाया गया है. एग्रीमेंट के तहत 48 माह में कर्मचारियों को फ्लैट बनाकर देना था. लेकिन 13 साल में डेवलपर ने अधूरा अपार्टमेंट्स बनाकर रखा है. रविवार को यहां आयोजित प्रेसवार्ता में टाटा स्टील के कर्मचारियों की सोसायटी के सदस्यों ने उक्त आरोप लगाए. प्रेस वार्ता में जूस्को यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय, बीके दीक्षित, अजय कुमार दुबे, रविन्द्र कुमार, बीके तिवारी शामिल थे.
इसे भी पढ़ें : Baharagoda : मुसीबत बनी बस टर्मिनल से गंडानाटा जाने वाली सड़क
कर्मचारियों ने लगाया घटिया मेटेरियल इस्तेमाल करने का आरोप
कर्मचारियों का आरोप है कि सोसायटी के हिस्से की बिल्डिंग में एग्रीमेंट तोड़कर काली ईंट लगाई गई है. अब तक लिफ्ट भी नहीं लगा है. कर्मचारियों ने घटिया मेटेरियल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. फ्लैट में सीवरेज लाइन, टाइल्स, स्टील का इस्तेमाल सब घटिया स्तर का है. जबकि डेवलपर ने जमीन पर अपने हिस्से का फ्लैट बेहतर तरीके से बनाकर बेच दिया है. कर्मचारियों ने बताया कि डेवलपर के विरुद्ध सरायकेला कोर्ट में अपील दायर कर रखा है. इसके खिलाफ डेवलपर हाई कोर्ट गए हुए हैं. अब हमलोग रिटायर हो गए हैं, घर की बहुत जरूरत है. लैंड लॉर्ड के साथ 48 माह का करार था 36 फ्लैट बनाकर देने का. एग्रीमेंट में देर होने पर 7000 रुपये प्रति माह जुर्माना का भी प्रावधान है.एक कट्ठा जमीन पर एक फ्लैट 1000 वर्गफीट कारपेट एरिया का बनाकर देना था. कुल 16 कर्मचारियों से 36 कट्ठा जमीन लिया गया है. डेवलपर ने सोसायटी के सेक्रेट्री एनके तिवारी और अध्यक्ष अवधेश सिंह को अपनी तरफ मिला लिया है.
इसे भी पढ़ें : Chaibasa : चक्रधरपुर में करोड़ों की लागत से बना जेल, उद्घाटन से पहले ही भवन में दरार
36 में 30 फ्लैट कंप्लीट, मामला कोर्ट में विचाराधीन : चौबे
सम्पूर्ण सहकारी समिति के सदस्यों के आरोप पर डवलपर विनय चौबे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्होंने एग्रीमेंट के मुताबिक 36 में 30 फ्लैट कंप्लीट कर रखा है. 6 का काम चल रहा है. लेकिन समिति के सदस्य फ्लैट लेना नहीं चाह रहे हैं. वे लोग रजिस्ट्री ऑफिस जाकर वहां से भागकर आ गए और सरायकेला न्यायालय में केस कर दिया है, जिसके क्वैश कराने के लिए वह हाई कोर्ट गये हैं. टाटा स्टील कर्मी जानबूझकर बखेड़ा कर रहे हैं. जहां तक काली ईंट लगाने का आरोप है तो वह एनजीटी के गाइड लाइन के अनुसार 60/40 के अनुपात में लाल और काली ईंट लगाई गई है. बाकी सारे कार्य दुरुस्त हैं, लिफ्ट लगाने की प्रक्रिया चल रही है. वैसे में जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो सोसायटी के सदस्यों को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.
Leave a Reply