Adityapur (Sanjeev Mehta) : सीतारामपुर जलाशय का जलस्तर तेजी से घट रहा है. इसकी वजह से आदित्यपुर के साढ़े 11 हजार परिवारों को जलापूर्ति में कटौती का सामना करना पड़ सकता है. 20 मई को किये गए निरीक्षण में सीतारामपुर जलाशय का जलस्तर 22 फीट से घटकर 12 फीट पर आ गया है. जबकि जनवरी में यह जलस्तर 19 फीट और अप्रैल में 14 फीट पर था. घटते जलस्तर को देखते हुए पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता जेसन होरो ने बताया कि वर्तमान जलस्तर का जो स्टॉक है उससे सितंबर 2023 तक जलापूर्ति हो सकती है. अगर इस बीच बारिश नहीं हुई तो हमें जुलाई से ही राशनिंग के तहत जलापूर्ति करनी पड़ेगी.
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35 हजार परिवार भू जल पर या टैंकर जलापूर्ति पर निर्भर हैं
उन्होंने बताया कि पिछले दो साल में पाइप लाइन जलापूर्ति के दायरे में करीब चार हजार नए परिवारों को नगर निगम ने जोड़ा भी है, ऐसे में वर्तमान जलापूर्ति हमें पांच एमजीडी करनी पड़ रही है, साथ ही प्रतिदिन दीन टंकी से करीब 50 हजार गैलन जलापूर्ति टैंकर के माध्यम से भी करनी पड़ रही है. वर्ष 2017 में पीएचईडी महज करीब आठ हजार परिवारों को ही पाइप लाइन जलापूर्ति करती थी जो वर्तमान में बढकर 11 हजार परिवारों के करीब पहुंच गया है. इसके अलावा टैंकर से भी जलापूर्ति कुछ ज्यादा ही करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि यदि जून में मानसून की अच्छी बारिश नहीं हुई तो जून-जुलाई से राशनिंग के तहत (एक दिन के बाद क्षेत्रवार) जलापूर्ति करने की नौबत आ सकती है. बता दें कि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के 35 में से करीब 25 वार्ड पाइप लाइन जलापूर्ति क्षेत्र में आता है, जिसकी आबादी करीब 50 हजार परिवारों की है, लेकिन जिन क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछी है उसके दायरे में 15 हजार परिवार ही आते हैं, बाकी के 35 हजार परिवार भू जल पर या टैंकर की जलापूर्ति पर निर्भर हैं.
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फिलहाल बराज में चुल्लू भर भी नहीं है पानी
आदित्यपुर में 2018 में करीब 500 करोड़ रुपये की वृहद जलापूर्ति योजना बनी है, जिसपर काम चल रहा है लेकिन उनकी गति इतनी धीमी है और विभिन्न विभागों की जो बाधा है उससे अगले दो वर्षों में भी यह योजना पूरी होती नहीं दिख रही है. ऐसे में आदित्यपुर के करीब 60 हजार परिवारों को अभी भी नई पाइप लाइन से जलापूर्ति के लिए इंतजार करना होगा. बता दें कि सीतारामपुर जलाशय में गजिया बराज से भी पानी भरने की व्यवस्था पाइप लाइन के तहत हो चुकी है लेकिन यह तभी सम्भव होगा जब बराज में पानी का स्टॉक होगा, फिलहाल बराज में चुल्लू भर भी पानी नहीं है, वहां भी इस वर्ष से वर्षा जल को स्टॉक करने की योजना है. ऐसे में सारा कुछ बेहतर बारिश पर ही निर्भर है.
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