NewDelhi : किसान आंदोलन ने देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो और एयरटेल को भिड़ा दिया है. पंजाब में जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाये जाने और सिम पोर्ट किये जाने को लेकर जियो ने एयरटेल पर आरोप मढ़ा है. जान लें कि कुछ दिनों में रिलायंस जियो ने एयरटेल पर एक के बाद एक कई बड़े आरोप लगाये हैं.
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एयरटेल किसानों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में सिम पोर्ट करा रही है
हाल ही में रिलायंस जियो ने आरोप लगाया था कि एयरटेल किसानों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में सिम पोर्ट करा रही है. साथ ही जियो का आरोप था कि प्रतिद्वंदी कंपनियों द्वारा जियो के टावोरं को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाया जा रहा है. लेकिन एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर जियो के आरोपों को बेबुनियाद व बेतुका बताया है.
खबरों के अनुसार एयरटेल ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) को जानकारी दी कॉ कि जियो ने अपने आरोपों के साथ कोई सबूत नहीं दिया है. जियो इस बात का कोई सबूत नहीं दे पायी है कि उसके टावरों को किये गये नुकसान में भारती की कोई भूमिका है. अत: अवमानना के साथ जियो के आरोपों को खारिज किया जाये.
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एयरटेल किसान आंदोलन के पीछे खड़ी है, यह बेतुका आरोप है
एयरटेल की ओर से दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश को एक पत्र लिखा गया है. उसमें कहा गया है कि कंपनी पंजाब और हरियाणा में किसान विरोध के कारण रिलायंस जियो की सेवाओं को बाधित करने के संदर्भ में जियो द्वारा 28 दिसंबर को विभाग को की गयी शिकायत से अवगत है. एयरटेल ने कहा कि इसी तरह का आरोप जियो ने दिसंबर में पहले दूरसंचार नियामक को लिखे एक पत्र में लगाया था, जिसका कंपनी ने जवाब दिया था.
बता दें कि भारती एयरटेल के मुख्य नियामकीय अधिकारी (सीआरओ) राहुल वत्स ने डीओटी को 28 दिसंबर को लिखे पत्र में कहा, जियो का यह आरोप कि टावरों के साथ तोड़फोड़ कर ग्राहकों को एयरटेल में स्विच करने पर मजबूर करने के लिए एयरटेल किसान आंदोलन के पीछे खड़ी है, यह बेतुका आरोप है.
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