सीएम सिद्धारमैया ने इन आरोपों का खंडन करते हुए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है.
Bengaluru : कर्नाटक से बड़ी खबर आयी है. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ उनके परिवार से जुड़े मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. खबरों के अनुसार राज्यपाल के समक्ष आरटीआई कार्यकर्ता टीजे अब्राहम और सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा हाल ही में इस मामले में शिकायत की गयी थी.
STORY | MUDA ‘scam’: Karnataka Governor grants sanction for prosecution against CM Siddaramaiah
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VIDEO | Here’s what Union Minister Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) said on Karnataka Governor Thaawarchand Gehlot granting sanction for prosecution of CM Siddaramaiah in connection with alleged Mysuru Urban Development Authority (MUDA) site allotment scam.
“The Governor has… pic.twitter.com/yvtEc76Tn8
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VIDEO | MUDA ‘scam’: “When Congress on the back of its fake guarantees came to power in Karnataka in 2023, it was predicted then that Congress would become loot party of Karnataka and transform Karnataka into an ATM of its party, dynasty, families and themselves (Siddaramaiah and… pic.twitter.com/UNelQlwOTD
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डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है
शिकायत के अनुसार सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती सिद्धारमैया को MUDA द्वारा 14 साइटें आवंटित करने में साफ तौर पर कानून का उल्लंघन हुआ है. MUDA भूमि को पारिवारिक संपत्ति के रूप में दावा करने को लेकर डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है. हालांकि, सीएम सिद्धारमैया ने इन आरोपों का खंडन करते हुए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है.
थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया था
मुकदमा चलाने की अनुमति देने से पहले थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री को 26 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. पूछा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों न दी जाये. इसके जवाब में, कर्नाटक कैबिनेट ने सिफारिश की कि राज्यपाल मुख्यमंत्री को जारी नोटिस वापस ले लें.
MUDA ने केसर गांव में उनकी 3 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण की थी
जानकारी के अनुसार कर्नाटक भूमि आवंटन घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान MUDA की लाभार्थी थीं. मैसूर के प्रमुख स्थानों में 38,284 वर्ग फुट भूमि उन्हें उनकी 3.16 एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में आवंटित हुई थी. 2021 में, MUDA ने विकास के लिए केसर गांव में उनकी 3 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण की थी.
मैसूर के विजयनगर में उनकी जमीनों को फिर से आवंटित किया गया
मैसूर के शहर विजयनगर में उनकी जमीनों को फिर से आवंटित किया गया. आलोचकों का कहना है कि आवंटित जमीनों का बाजार मूल्य उनकी जमीन की कीमत से काफी ज्यादा थी. इस मामले में मुआवजे की निष्पक्षता पर सवाल उठाये जा रहे हैं. हालांकि सिद्धारमैया ने इस भूमि आवंटन का बचाव करते हुए कहा था कि यह पिछली भाजपा सरकार के दौरान किया गया था.
राजभवन का दुरुपयोग चुनी गयी सरकार को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा राजभवन का दुरुपयोग लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकार को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है. कहा कि राज्य का संवैधानिक प्रमुख अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए संवैधानिक संकट पैदा कर रहा है.