NewDelhi : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने न्यूयॉर्क में एक अमेरिकी जिला न्यायालय द्वारा अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी पर कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी योजना से जुड़ने का आरोप लगाये जाने के बाद एक बार फिर घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है. जयराम रमेश ने आज गुरुवार को एक्स पर कहा, इससे कांग्रेस द्वारा विभिन्न कथित घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की पुष्टि हुई है.
आरोप है कि अमेरिका में कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए अडानी ने 2,200 करोड़ रुपए की घूस दी.
जब इस मामले की जांच होने लगी तो जांच रोकने की साजिश भी रची गई.
अब अमेरिका में अडानी के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ है.
अजीब बात है…
कांग्रेस लगातार अडानी और इससे जुड़े घपलों की जांच की…
— Congress (@INCIndia) November 21, 2024
न्यूयॉर्क के पूर्वी ज़िले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना उस मांग को सही ठहराता है जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जनवरी 2023 से विभिन्न मोदानी घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच के लिए कर रही है। कांग्रेस ने हम…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 21, 2024
हम अदानी समूह के लेन-देन में जेपीसी की अपनी मांग को दोहराते है,
जयराम रमेश ने कहा, अमेरिका के प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा गौतम अडानी और अन्य लोगों पर अभियोग लगाना कांग्रेस द्वारा जनवरी 2023 से विभिन्न मोदानी घोटालों की जेपीसी से जांच कराने की मांग की पुष्टि करता है. कहा कि कांग्रेस ने अपनी हम अडानी के हैं (एचएएचके) श्रृंखला में इन घोटालों के विभिन्न आयामों और पीएम और उनके पसंदीदा व्यवसायी के बीच मौजूद घनिष्ठ संबंधों को सामने लाते हुए सौ सवाल पूछे थे. लेकिन सवालों का जवाब नहीं मिले. जयराम रमेश ने कहा, हम अदानी समूह के लेन-देन में जेपीसी की अपनी मांग को दोहराते है,
अडानी ग्रुप पर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को 20 अरब रुपये की रिश्वत दी
संयुक्त राज्य अमेरिका की अदालत भारत के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी और उनके 7 सहयोगियों पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप में कार्रवाई कर रहा है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने सरकार से अनुबंध हासिल करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई, जिसका लक्ष्य अरबों डॉलर के सौदों पर कब्जा करना था. आरोपों के अनुसार, गौतम अडानी, सागर आर अडानी और विनीत एस जैन ने अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाने के दौरान इस रिश्वतखोरी की योजना के संबंध में भ्रामक जानकारियां दीं. अडानी ग्रुप पर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को 20 अरब रुपये की रिश्वत दी.