Ranchi : विधानसभा चुनाव के पहले झारखंड में ह्रदय परिवर्तन की बयार बहने लगी है. पिछले 15 दिन में झारखंड के चार विधायकों/पूर्व विधायकों का ह्रदय परिवर्तन हुआ है. पहले झामुमो नेता चंपाई सोरेन और लोबिन हेंब्रम बीजेपी में आये. इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी की उपस्थिति में शनिवार को निर्दलीय विधायक अमित यादव, पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा और पूर्व डीएसपी नवनीत हेंब्रम ने भी भाजपा दामन थाम लिया.
अमित यादव और जयप्रकाश वर्मा पहले बीजेपी में ही थे
तीनों नेताओं ने कहा कि वे किसी लालच में पार्टी में नहीं शामिल हुए हैं. पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, वे उसका ईमानदारी से निर्वहन करेंगे. अमित यादव और जयप्रकाश वर्मा पहले बीजेपी में ही थे. 2019 में टिकट कटने के बाद अमित यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर जीत हासिल की थी. इससे पहले 2009 में बीजेपी के टिकट पर बरकट्ठा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी. पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा की भी घर वापसी हुई है. लोकसभा चुनाव से पहले जयप्रकाश वर्मा ने बीजेपी को छोड़ झामुमो की सदस्यता ले ली थी.
वर्मा 2014 में बीजेपी के टिकट पर गांडेय सीट से चुनाव जीते थे
छह महीने बाद ही उनका झामुमो से मोह भंग हो गया. वर्मा 2014 में बीजेपी के टिकट पर गांडेय सीट से चुनाव जीते थे. 2019 के चुनाव में वे हार गये थे. वहीं, पूर्व डीएसपी नवनीत हेंब्रम ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली है. बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद कहा कि पार्टी द्वारा दी गयी जिम्मेवारियों का बखूबी निर्वहन करूंगा. नवनीत ने कुछ दिनों पर डीएसपी पद से रिजाइन किया था. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वे महेशपुर से सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. नवनीत दो बार पाकुड़ में भी पदस्थापित रहे हैं.
गारंटी नहीं कि सबको टिकट मिल ही जाये
बीजेपी के टिकट पर विस चुनाव लड़ने की इच्छा लिये ये तीनों नेता बीजेपी में आ तो गये हैं, लेकिन सबको टिकट मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. जयप्रकाश वर्मा गांडेय से विधायक रह चुके हैं. वे गांडेय या कोडरमा सीट से चुनाव लड़ना चाहेंगे, लेकिन गांडेय में बीजेपी की टिकट के दावेदार दिलीप वर्मा हैं. वहीं कोडरमा सीट पर नीरा यादव सीटिंग एमएलए हैं.
नवनीत हेंब्रम महेशपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं
ऐसा भी हो सकता है कि टिकट नहीं मिलने पर वर्मा का एक बार फिर ह्रदय परिवर्तन हो जाये और उन्हें किसी और दल की नीतियां और सिद्धांत अच्छे लगने लगे. हालांकि अमित यादव को बरकट्ठा से टिकट मिलने में कोई मुश्किल नहीं दिख रही. नवनीत हेंब्रम महेशपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन वहां पहले से पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन और देवीधन टुडू जैसे पुराने नेता दावेदारी पेश कर चुके हैं. नवनीत राजनीति में नये हैं. संथाल की एक-एक सीट बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे में नवनीत को टिकट देकर बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी.