बिहार विधानसभा : SIR को लेकर विपक्ष का सदन में जोरदार विरोध, मार्शल्स से हुई धक्का-मुक्की

Bijar :  बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र राजनीतिक टकराव और तीखे विरोध प्रदर्शनों के बीच लगातार हंगामेदार होता जा रहा है. मंगलवार को सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी विधायकों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध की गूंज न सिर्फ सदन के भीतर सुनाई दी, बल्कि विधानसभा परिसर के बाहर भी माहौल तनावपूर्ण नजर आया. 

 

 

हंगामे की भेंट चढ़ी कार्यवाही, मार्शल्स से भिड़े विधायक

सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायक वेल में आ गए और SIR के विरोध में जोरदार नारेबाजी करने लगे. विरोध कर रहे विधायकों के हाथों से मार्शल्स ने जब प्लेकार्ड छीने तो स्थिति और बिगड़ गई, दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई. विरोध के दौरान राजद विधायक सतीश कुमार टेबल पर चढ़ गए, जिन्हें मार्शल्स ने जबरन नीचे उतारा. 

 

काले वस्त्रों में राबड़ी देवी समेत विपक्ष का प्रदर्शन

विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले परिसर के बाहर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और अन्य विपक्षी नेताओं ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया. उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि "मतदाता पुनरीक्षण बहाना है, मकसद वोटबंदी लाना है. 

विपक्षी दलों के विरोध की वजह से विधानसभा के मुख्य प्रवेश द्वार बाधित रहा. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को वैकल्पिक गेट से सदन में लाया गया, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पिछले दरवाजे से भीतर गए.

 

विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने रखे विधेयक

सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए. मंत्री मंगल पांडे ने सदन में धार्मिक न्यास संशोधन विधेयक 2025 पेश किया. इसके अलावा बिहार मॉल सेवा कर प्रथम संशोधन विधेयक 2025,  बिहार नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025, बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन विधेयक 2025, बिहार कृषि भूमि संशोधन विधेयक 2025 और बिहार भूमिगत पाइपलाइन संशोधन विधेयक 2025 भी पेश किए जायेंगे. 

 

नीतीश कुमार बोले कुछ, फिर चुपचाप बैठ गए

हंगामे के बीच जब प्रश्नोत्तरकाल शुरू हुआ, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ कहने के लिए अपनी सीट से उठे, लेकिन विपक्षी हंगामे को देख चुपचाप बैठ गए. स्पीकर नंदकिशोर यादव ने विपक्षी विधायकों को चेतावनी दी और कहा कि सदन की मर्यादा का पालन करें. 

 

काले दिल का काला वस्त्र अराजकता का प्रतीक : डिप्टी सीएम 

विपक्ष के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि काले दिल का काला वस्त्र अराजकता का प्रतीक है. ये वही जंगलराज वाले लोग हैं, जो कांग्रेस की गोद में बैठकर लोकतंत्र की हत्या करने की मानसिकता से संवैधानिक संस्था का अपमान कर रहे हैं. 

 

17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र

बता दें कि बिहार विधानसभा का यह मॉनसून सत्र 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र है, जो 21 जुलाई से 25 जुलाई तक चलेगा. साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह सत्र राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.