Ranchi : केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (CUJ) में छात्र अब खुलेआम नाराज हैं. वजह है - 10 छात्रों को अगली सेमेस्टर में पंजीकरण से रोक देने का प्रशासन का फैसला. ये वही छात्र हैं, जो 24 अप्रैल को कैंपस में सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे थे. अब उन पर अशिष्ट व्यवहार और परीक्षा में बाधा जैसे आरोप लगा दिए गए हैं.
क्या है मामला?
दरअसल 24 अप्रैल को महिला हॉस्टल के पास एक संदिग्ध युवक को लेकर छात्राओं ने सवाल उठाए थे और सुरक्षा पर चिंता जताई थी. साथ ही छात्र लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि –
फ्रीशिप स्कीम सही तरीके से लागू हो,
सबको वाई-फाई मिले,
सभी छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दी जाए,
और छात्र संघ का गठन हो.
इन मांगों को लेकर छात्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. लेकिन प्रशासन ने 23 जून को छुट्टियों के बीच चुपचाप एक ऑफिस ऑर्डर निकाल दिया, जिसमें 10 छात्रों पर कार्रवाई कर दी गई. वो भी तब, जब कोई परीक्षा नहीं चल रही थी और छात्रों को अपनी सफाई तक देने का मौका नहीं दिया गया.
छात्रों ने कहा – ये नाइंसाफी है
छात्रों ने साफ कहा है कि ये पूरी कार्रवाई एकतरफा, झूठे आरोपों पर आधारित और मानसिक प्रताड़ना जैसी है. जो दिन बताया गया है, उस दिन तो कोई परीक्षा ही नहीं थी. उल्टा प्रशासन खुद सुरक्षा में चूक कर गया और अब सवाल उठाने वालों को ही सजा दी जा रही है.
अब क्या होगा
विद्यार्थी चेतना संघ ने साफ चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे में ये आदेश वापस नहीं लिया गया और माफी नहीं मांगी गई, तो वे शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करेंगे. इसका पूरा ज़िम्मा प्रशासन का होगा.
छात्रों की सीधी मांगें
1. 23 जून को जारी ऑफिस ऑर्डर को तुरंत रद्द किया जाए.
2. छात्रों से सार्वजनिक माफ़ी मांगी जाए और उत्पीड़न की नीति खत्म की जाए.