Exclusive: सुरक्षा उपकरणों की खरीद में सीनियर अफसरों पर लगे गड़बड़ी के आरोपों की जांच करेगी आईजी-डीआईजी की कमेटी

Ranchi: सुरक्षा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी के आरोपों की जांच आईजी-डीआईजी की कमेटी करेगी. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने जांच के लिए आईजी मानवाधिकार नरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में डीआईजी प्रोविजन पटेल मयूर कनैयालाल, डीआईजी झारखंड जगुआर इंद्रजीत महथा और डीआईजी विशेष शाखा चौथे मनोज रतन को शामिल किया है. 

 

16 जून को जारी आदेश में कहा गया है कि व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन की रिपोर्ट व प्रतिक्रिया से संबंधित सभी संचिकाओं का गहन जांच कर 15 दिनों के भीतर स्पष्ट रिपोर्ट दें. उल्लेखनीय है कि आईजी रैंक के एक अधिकारी ने व्हिसिल ब्लोअर एक्ट के तहत पूरे मामले की जानकारी सीनियर अफसरों व सरकार को दी थी. साथ ही सुरक्षा उपकरणों की खरीद में हुई गड़बड़ियों की जांच की अनुशंसा की है. Lagatar Media ने दस्तावेजों को पढ़ा है.

 

जांच कमेटी के गठन के साथ ही सवाल भी उठने लगे हैं. कहा जा रहा है सुरक्षा उपकरणों की खरीद में झारखंड पुलिस के सीनियर अधिकारी शामिल होते हैं. गड़बड़ियों में उनके शामिल होने का अंदेशा है. ऐसे में क्या आईजी और डीआईजी की कमेटी अपने से सीनियर अफसरों के खिलाफ जांच कर पाएंगे. क्योंकि व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन के तहत रिपोर्ट करने वाले अधिकारी और सुरक्षा उपकरणों की खरीद से जुड़े तमाम अधिकारी डीजीपी द्वारा बनायी गई जांच कमेटी के अध्यक्ष व सदस्यों से सीनियर हैं. 

 

Lagatar Media ने 7 किस्तों में की है गड़बड़ियों का खुलासा, पढ़ें..

 

 

इससे पहले डीजीपी के स्तर से इस मामले की जांच करने की जिम्मेदारी तत्कालीन डीजी मुख्यालय आरके मल्लिक को सौंपी गयी थी. हालांकि सेवानिवृत्ति की तारीख नजदीक होने और जांच का दायरा बड़ा होने की वजह से उन्होंने कमेटी से जांच कराने की अनुशंसा डीजीपी से की थी. जिसके बाद से करीब पांच माह तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हई. जब Lagatar Media ने गड़बड़ियों को लेकर 7 किस्तों में खबरें प्रकाशित की तो जांच का आदेश जारी किया गया है.

 

उल्लेखनीय है कि गृह विभाग ने जांच को लेकर पहला पत्र 4 अक्टूबर 2024 को लिखा था. इसके बाद 5 नवंबर 2024, 4 दिसंबर 2024 और 10 जनवरी 2025 को भी गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिख कर मामले में रिपोर्ट की मांग की थी. मामले में तत्कालीन एडीजी रैंक के अधिकारी की प्रतिक्रिया पर भी गृह विभाग 12 मार्च 2025, 08 अप्रैल 2025 और 02 जून 2025 को पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी है.

 

देखा जाये तो जांच के सिलसिले में गृह विभाग के अंतिम पत्र जारी होने के चार माह बाद मामले की जांच का आदेश जारी किया गया है. और संदेह के दायरे में आये अफसरों से जूनियर अफसरों की कमेटी गठित की गई है. ऐसे में जांच पर सवाल उठना लाजिमी है. सूचना है कि कुछ लोग इस मामले को लेकर पीआईएल दाखिल करने की तैयारी में हैं.

 

उल्लेखनीय है कि सुरक्षा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी को लेकर Lagatar Media ने पिछले दिनों सात किस्तों में खबरें प्रकाशित की थी. जिनमें यह बताया गया था कि कैसे पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा उपकरणों की खरीद दो से चार गुणा कीमत पर की. इस काम को अंजाम देने वालों में पुलिस मुख्यालय के कुछ अधिकारी व कर्मी के शामिल होने का संदेह है. 

 

17 जून को सुरक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेन ने भी प्रेस कांफ्रेंस करके सवाल खड़े किए हैं. साथ ही संवैधानिक संस्थानों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर किया है.