Ranchi : झारखंड के एक ऐसे आईपीएस अधिकारी, जिनके पढ़ाये 100 से अधिक छात्रों ने इंजीनियरिंग और मेडिकल के एग्जाम क्रैक किये हैं. हम बात कर रहे हैं, 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी चंदन झा की, जो वर्तमान में झारखंड पुलिस मुख्यालय में स्पेशल ब्रांच एसपी के पद पदस्थापित हैं. चंदन झा से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैं अपने खाली समय में पढ़ाना पसंद करता हूं. चंदन झा शनिवार और रविवार को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं संचालित करते हैं और सारे छात्रों को निशुल्क शिक्षा देते हैं.
झारखंड सरकार के कोचिंग में दे रहे हैं बच्चे को निशुल्क शिक्षा
झारखंड सरकार द्वारा आकांक्षा 40 कोचिंग सेंटर की शुरुआत की गयी है. इस कोचिंग सेंटर में गरीब बच्चों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा की तैयारी करायी जाती है. इस कोचिंग सेंटर में आईपीएस चंदन झा पिछले एक साल से छात्रों को पढ़ा रहे हैं. चंदन झा बताते हैं कि जब वो साल 2016 में गुमला एसपी के पद पर पदस्थापित थे, उस दौरान वह एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने जाते थे, उनके पढ़ाए हुए छात्रों का एनआईटी और बीआईटी जैसे शिक्षण संस्थान में नामांकन हुआ था.
बोकारो में एक ही स्कूल के सभी छात्रों ने फर्स्ट डिवीजन किया था पास, शिक्षा मंत्री ने किया था सम्मानित
चंदन बताते हैं कि मैं मुख्य रूप से 11वीं और 12वीं की कक्षाओं में गणित और भौतिकी (फिजिक्स) पर ही ध्यान देता हूं. वो बताते हैं कि जब मैं बोकारो एसपी था तो वहां मॉडल स्कूल रामरूद्र हाई स्कूल में हर रविवार को छात्रों को पढ़ाने जाता था. 2021 में इस स्कूल के 12वीं के सभी बच्चे झारखंड बोर्ड में प्रथम आये थे. इनमें से स्कूल टॉपर अर्णव कुमार को तो मैंने महज छह महीने ही पढ़ाया था. हर रविवार मैं विशेष कक्षा लेने जाता था और दो से तीन घंटे पढ़ाता था. अर्णव ने परीक्षा में 95.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे. चंदन झा ने बताया कि वह (अर्णव) कहता है कि उसे मेरे पढ़ाने से इतने नंबर आये, मैं कहता हूं कि मैंने सिर्फ दिशा दी और यह अंक उनकी मेहनत का परिणाम है. इस उपलब्धि के बाद राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ महतो जी ने ईपीएस चंदन झा को सम्मानित भी किया था.
एनआईटी 2003-2007 बैच के छात्र हैं आईपीएस चंदन झा
चंदन झा बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने 2002 में बेली रोड, पटाना केवीएस से बारहवीं पास करने के बाद एनआइटी 2003-2007 बैच में इंजीनियरिंग पास की. इंजीनियरिंग के बाद उन्हें बेंगलुरू स्थित एक अमेरिकी मल्टीनेशल कंपनी में नौकरी मिल गई, लेकिन एक साल काम करने के बाद ही उन्होंने 2008 में नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा की तैयार करने दिल्ली चले गये. 2009 में पहले प्रयास में ग्रुप ए से संबद्ध सेवाएं मिली, लेकिन उन्होंने 2010 में फिर एक बार प्रयास किया और इस बार आईपीएस में उनका सिलेक्शन हो गया. जिसके बाद उन्हें झारखंड कैडर मिला और पहली पोस्टिंग एसडीपीओ पाकुड़ की मिली. 2013 में सिटी एसपी होकर जमशेदपुर आये, 2016 में एसपी गुमला बने और फिर सीआईडी में एसपी बन गये. 2018 में वो बतौर एसपी चाईबासा में भी रहे. इसके बाद 2019-2020 में गवर्नर के एडीसी का काम भी संभाला. अप्रैल 2020 में वे बोकारो एसपी बन गये. साल 2023 के अगस्त महीने में जेपीए के निदेशक बने. उसके बाद साल 2024 से वे स्पेशल ब्रांच के एसपी के पद पर पदस्थापित हैं. अगले साल उन्हें डीआईजी में प्रमोशन मिलना है.