Ranchi: रिम्स ट्रॉमा सेंटर के चौथा तल्ला स्थित सेमिनार हॉल में सोमवार को एनुअल रिसर्च डे मनाया गया. इसमें रिम्स के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे 65 अलग-अलग शोध पर चर्चा की गई. कार्यक्रम की शुरूआत पोस्टर एंड ओरल प्रेजेंटेशन के साथ हुई. मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग स्टूडेंट्स की ओर से इसमें 60 एंट्री आई.
इस सत्र के लिए जज की भूमिका में रिम्स के पूर्व डीन डॉ. सतीश चंद्रा, पूर्व डीन डॉ. मिनी रानी अखौरी, मेडिसिन के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जेके मित्रा, सीआईपी के डॉ. निशांत गोयल और नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सुमति शामिल रहे. इन्होंने पोस्टर और ओरल प्रेजेंटेशन के विजेताओं का चयन कर यूजी, पीजी व फैकल्टी श्रेणी में क्रमश: पहले, दूसरे व तीसरे विजेताओं को सम्मानित किया. इसके बाद दूसरे सत्र में रिसर्च पर एआई विषय पर डिबेट किया गया. इस दौरान शोध के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए या नहीं इसपर चर्चा की गई.
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डिबेट के लिए जज के रूप में रिम्स के डीन डॉ. विद्यापति, डीन एग्जामिनेशन डॉ. मनोज कुमार, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. शिवप्रिये और अधीक्षक डॉ. हिरेन बिरूआ थे. इधर, तीसरे सत्र में पैनल डिस्कशन पर एंड ऑफ लाइफ या इच्छामृत्यु विषय नर परिचर्चा हुई. इस स्थिति में चर्चा की गई कि अस्पताल में भर्ती गंभीर अवस्था के मरीज जो लाइफ सपोर्ट सिस्टम में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं ? ऐसी स्थिति में कई बार परिजन भी डॉक्टर से पूछते हैं आगे क्या करना है ? डॉक्टर भी परिजन से पूछते हैं कि आगे क्या ? इस टॉपिक पर चर्चा की गई. इसके मॉडरेटर के रूप में डीन रिसर्च डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य थे. बताते चलें कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अलग-अलग सत्रों के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा.
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