Mumbai : सचिन वझे छोटे मोहरा है, असली खेल और कोई खेल रहा है. एंटीलिया केस में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह कहते हुए पुलिस अफसर सचिन वझे को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सचिन वझे को ऑपरेट करने वाले आका कौन हैं उन्हें ढूंढना होगा. कहा कि एंटीलिया के पास जिलेटिन क्यों रखा गया, इसकी वजह भी सबके सामने आनी चाहिए.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एक रैकेट में सचिन वझे का नाम आया. आरोप लगाया कि खराब रिकॉर्ड के बाद भी शिवसेना ने ऐसे समय इनको वापस लिया गया. साथ ही वझे को मुंबई क्राइम ब्रांच की सबसे महत्वपूर्ण यूनिट क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख बनाया गया.
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शिवसेना से वझे के गहरे रिश्ते
पूर्व सीएम ने कहा, 2008 में सचिन वझे ने शिवसेना में प्रवेश किया, कुछ समय तक शिवसेना के प्रवक्ता के रूप में उन्होंने काम किया. शिवसेना के साथ बहुत गहरे रिश्ते सचिन वझे के रहे हैं. फडणवीस ने कहा कि मनसुख हिरेन की गाड़ी वझे ने खरीदी थी. लेकिन पैसे नहीं दिये. चार महीने गाड़ी उनके पास खड़ी रही.
मनसुख ने कहा कि पैसे दीजिए या कार वापस करिए. इसपर वझे ने कहा, मैं ये गाड़ी रखूंगा. मनसुख को कहा गया था कि गाड़ी वहां पार्क करो और चाबी हमें लाकर दो. अगर ये गाड़ी चोरी होती, तो कहीं न कहीं कोई नुकसान होता.
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मनसुख हिरेन की लाश हाई टाइड में फेंकने की कोशिश की गयी
फडणवीस ने कहा, वझे के इलाके में मनसुख हिरेन की लाश मिली. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वहीं, मनसुख को मार दिया गया. उनकी लाश हाई टाइड में फेंकने की कोशिश की गयी. लो टाइड की वजह से लाश वहीं बनी रही. लाश बही नहीं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दिखता है कि मुंह पर रूमाल बंधे थे. रूमाल कैसे आये. कहा कि चोट देखकर दिखता है कि उन्हें दबाकर बांधा गया.