- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कार्यशाला, रिम्स व अन्य मेडिकल कॉलेज के अधिकारी हुए शामिल
Ranchi : यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में स्कूल ऑफ इंफॉर्मेशन सिस्टम्स एंड मैनेजमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर सह पूर्व आईएएस डॉ शिवेंदु ने कहा कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिर्फ बायोमीट्रिक अटेंडेंस और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए ही नहीं होना चाहिए. स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए क्रांतिकारी कदम के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग सुधारात्मक तकनीक के रूप में किया जा सकता है, जो इस समस्या का बेहतर समाधान प्रदान कर सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई तरीकों से मदद कर सकता है. यह उपलब्ध स्वास्थ्य संसाधनों के बीच की खाई को भरने के लिए आवश्यक है. यह स्वास्थ्य परामर्श प्राप्त करने के लिए वंचितों को एक प्राथमिक परत के रूप में काम कर सकता है.
दूसरे बैच का प्रशिक्षण शनिवार को
डॉ शिवेंदु शुक्रवार को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/ मशीन लर्निंग विषय पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे थे. एक दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दो बैच में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग झारखंड व नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नमेंट (एनआईएसजी) हैदराबाद की ओर से किया गया है. दूसरे बैच का प्रशिक्षण शनिवार को होगा.
ये रहे मौजूद
मौके पर अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, अभियान निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव आलोक त्रिवेदी, एडिशनल सेक्रेट्री जय किशोर प्रसाद, अपर अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज, संयुक्त सचिव सीमा उदयपुरी, उपनिदेशक डॉ कृष्ण कुमार सहित मेडिकल कॉलेज एवं सदर अस्पताल के कई चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग के नोडल पदाधिकारी मौजूद थे.
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