Latehar: नवरात्र के दौरान अष्टमी पूजा को लेकर असमंजस खत्म हो चुकी है. दरअसल, नवरात्र के दौरान अष्टमी और नवमीं तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी. अष्टमी गुरुवार को मनाई जाएगी या शुक्रवार को, इसको लेकर लोगों में सशंय था. जानकारों का मानना है कि उदया तिथि के कारण ऐसी भ्रम की स्थिति बनी है. शुभम संदेश व लगातार.इन ने इस संबंध में मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर के पुजारी त्रिभुवन पांडेय से बात की. उन्होंने बताया कि सप्तमी और अष्टमी एक साथ होने के कारण 10 अक्टूबर को उपवास नहीं करना है. अगले दिन यानी शुक्रवार को सुबह 4:30 से अष्टमी पूजन का शुभारंभ होगा.
बताया कि सुबह 6:30 बजे में 108 दीप का प्रज्जवलन किया जायेगा. शुक्रवार को उपवास करने की बात उन्होंने कही. कहा कि 11 अक्टूबर को अष्टमी के बाद नवमी तिथि प्रवेश होगा. इस दौरान कन्या पूजन, कन्या भोज और महागौरी के आगमन पूजा होगी. दरअसल इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन की है. कोई भी दिन खंडित तिथि नहीं है. बताया कि नौ देवियों का आगमन प्रथम दिन से पूरे नौ दिनों तक अलग-अलग तिथियों को हो रहा है. 11 अक्टूबर को दुर्गा नवमी, पाठ पारायण, व्रत, पूजा, उपवास और पूर्णाहुति की जाएगी. 12 अक्टूबर शनिवार को विजयादशमी मनाया जायेगा.
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