Guwahati : असम में अभी तक राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का काम पूरा नहीं हुआ है. काम अभी अधूरा है. बराक घाटी क्षेत्र में रहने वाले हिंदुओं के साथ न्याय किये जाने की जरूरत है. यह बयान असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने दिया है.
खबरों के अनुसार हेमंत बिस्व सरमा ने आरोप लगाया कि पूर्व समन्वयक प्रतीक हजेला की वजह से एनआरसी(NRC) का काम पूरा नहीं हो सका है. सरमा के अनुसार भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में शासन में नया बैंचमार्क स्थापित किया है.
इसे भी पढ़े : नौ करोड़ किसानों के खाते में 18,000 करोड़ ट्रांसफर किये पीएम मोदी ने, विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया
जान लें कि असम एनआरसी की अंतिम सूची पिछले साल अगस्त में प्रकाशित की गयी थी. आंकड़ों पर नजर डालें तो लगभग 3.3 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 19.22 लाख लोग सूची से बाहर कर दिये गये थे. भाजपा ने इस सूची की आलोचना की थी, सूची में वास्तविक नागरिकों, विशेष रूप से 1971 के पहले बांग्लादेश से आये शरणार्थियों को बाहर कर दिये जाने का आरोप लगाया था.
इसे भी पढ़े : UAE : इस्लामिक धर्मगुरुओं की बहस के बीच यूएई की फतवा काउंसिल ने कहा, कोरोना वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन हो तो भी हमें मंजूर
हमारा बराक घाटी के हिंदुओं को न्याय दिलाने का वादा है
बता दें कि असम करीमगंज जिले में आयोजित बैठक में सरमा ने कहा, हमारा बराक घाटी के हिंदुओं को न्याय दिलाने का वादा है. कहा कि प्रतीक हजेला के कारण एनआरसी अधूरा रह गया. सरमा ने कहा कि हमने लगभग 90 फीसदी काम किया, पर हमें अभी भी हिंदुओं को न्याय दिलाने के लिए कुछ काम करना होगा. भाजपा नेता सरमा ने कहा, मां भारती को मानने वाले हजारों लोग अब भी डिटेंशन कैंप में सड़ रहे हैं.
थोड़ा पीछे जायें तो असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने इस साल 31 अगस्त को विधानसभा में कहा था कि राज्य सरकार ने बांग्लादेश की सीमा से सटे जिलों में 20 प्रतिशत नाम और बाकी हिस्से में 10 प्रतिशत नामों के पुन: सत्यापन के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है.