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बाबूलाल का बैक टू बैक ट्वीट, शिक्षा व्यवस्था, एंबुलेंस सेवा,शराब घोटाला से लेकर नदी तक के उठाए सवाल

Ranchi: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को बैक टू बैक ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. शिक्षा व्यवस्था से लेकर शराब घोटाला तक के सवाल खड़े किए हैं. सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि हेमंत सरकार ने झारखंड की पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही `भाड़े` पर लगा दिया है. स्थायी शिक्षकों के हजारों रिक्त पद खत्म कर अब विद्यालयों में किराये के शिक्षक से काम चलाया जा रहा है. झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्था गर्त में धकेलने और छात्रों के भविष्य के साथ क्रूर मज़ाक करने का पाप कर रही है हेमंत सरकार! https://twitter.com/yourBabulal/status/1910936047124459971

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपियों ने हेमंत सोरेन और झामुमो-कांग्रेस विधायकों के रायपुर दौरे का पूरा प्रबंध किया था. हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट को झारखंड में कारोबार का जिम्मा सौंपा, जिसका नतीजा 450 करोड़ रुपए के घोटाले के रूप में सामने आ चुका है. https://twitter.com/yourBabulal/status/1910951990135238724

हेमंत सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग कर अपने भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने की भरसक कोशिश की लेकिन अब सीबीआई जल्द ही झारखंड के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वालों का चेहरा बेनकाब करेगी. झारखंड में 108 एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह चरमरा चुकी है. बोकारो और गिरिडीह में समय पर वेतन न मिलने के कारण एम्बुलेंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे दोनों ज़िलों की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. मरीज निजी एम्बुलेंस चालकों को मनमानी फीस देने या निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचने को मजबूर हैं. https://twitter.com/yourBabulal/status/1910968401591255446

विभागीय मंत्री ने पुराने एमओयू को रद्द कर एम्बुलेंस संचालन की ज़िम्मेदारी अपने करीबी सम्मान फाउंडेशन को सौंप दी है. सीएम से कहा है कि मामले का संज्ञान लेकर तत्काल एम्बुलेंस कर्मियों का वेतन भुगतान सुनिश्चित कर लापरवाह एजेंसी पर सख्त कारवाई करें, ताकि मरीजों को असुविधा का सामना न करना पड़े. नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा के नाम पर आखिरकार हेमंत सरकार कर क्या रही है? 1990 के दशक में जिस कझिया नदी से गोड्डा जिले में सिंचाई परियोजना और पेयजल आपूर्ति योजना संचालित होती थी, वर्तमान में अवैध बालू खनन के कारण न केवल यह योजनाएं समाप्त हो गईं, बल्कि आसपास के इलाकों में जल स्रोत नीचे चले गए और नदी का अस्तित्व खतरे में है. जितना भी बालू बचा है, दिन-रात नदी के इलाक़े में उसका अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है. https://twitter.com/yourBabulal/status/1910990794216845626

इसी तरह क्षेत्र की अन्य जीवनदायिनी नदियों गेरुआ, सुंदर व लिलझी आदि पर भी गहरा संकट मंडरा रहा है. यदि सरकार व प्रशासन ने जल्द ही इस क्षेत्र में अवैध बालू खनन पर रोक नहीं लगाई, तो इन नदियों के अस्तित्व को बचाना मुश्किल हो जाएगा. ये नदियां और जंगल केवल हमारी धार्मिक आस्था का हिस्सा ही नहीं, बल्कि हमारी दैनिक आवश्यकताएं को पूर्ण करने का स्रोत भी हैं. हमारी आस्था और आवश्यकताओं को आख़िर कब तक हम हेमंत सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते देखते रहेंगे? इसे भी पढ़ें -जहरीली">https://lagatar.in/there-is-a-plan-to-reduce-vat-on-country-liquor-to-deal-with-the-dangers-of-poisonous-liquor/">जहरीली

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