UttarPradesh : समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे शनिवार को बहराइच हिंसा से प्रभावित पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे. लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने उन्हें दंगा प्रभावित इलाके में जाने रोक दिया. जिलाधिकारी ने माता प्रसाद पांडे से बात की और माहौल को शांत बनाये रखने की कोशिश की. माता प्रसाद पांडे को रोकने के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है. बता दें कि बहराइच हिंसा के बाद प्रशासन शांति व्यवस्था कायम करने को लेकर सख्त है.
बहराइच हिंसा मामले में अबतक 87 लोग गिरफ्तार
बहराइच हिंसा मामले में पुलिस ने अबतक 87 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 26 आरोपियों की गिरफ्तार शुक्रवार को की गयी है. पुलिस ने कई अन्य संदिग्धों के घरों पर बुलडोजर चलाने की योजना बनायी है. जिला प्रशासन ने कुछ लोगों को नोटिस भी जारी किया है. इससे पहले गुरुवार की रात को पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा हत्या मामले में छह अभियुक्तों समेत 61 लोगों को हिरासत में लिया था. इनमें दो व्यक्ति, सरफराज और तालिम, पुलिस मुठभेड़ में घायल भी हुए थे. पकड़े गये पांचों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन देखने गया था युवक
दरअसल 13 अक्टूबर को मां दुर्गा की मूर्ति को विसर्जन के लिए मंसूर गांव के महाराजगंज बाजार से ले जाया जा रहा था. इसी दौरान डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ. बात इतनी बढ़ गयी कि हिंसा का रूप ले लिया. दोनों ओर से जमकर पथराव और कई राउंड फायरिंग हुई. घटना में करीब 15 से अधिक लोग घायल भी हो गये. घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक को मृत घोषित कर दिया. एक युवक की मौत की खबर के बाद बवाल शुरू हो गया. हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आये. उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ व आगजनी की. मौके पर पुलिस पहुंची. लेकिन पुलिस के लिए हालात पर काबू पाना मुश्किल हो गया. 14 अक्टूबर की दोपहर तक उपद्रवियों ने ताडंव मचाया. उपद्रवियों ने अस्पताल और आसपास के दुकानों में तोड़फोड़ की और आगजनी की. पुलिस ने 13 से 16 अक्टूबर के बीच छह नामजद समेत लगभग 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 11 मुकदमे दर्ज किये. इन मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी है, ताकि शांति व्यवस्था बहाल की जा सके.