NewDelhi/Patna : बिहार में बीते 15 दिनों में 10 पुल धाराशायी हो गये. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी है. याचिका में बिहार सरकार को पुलों का संरचनात्मक ऑडिट कराने और एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. अधिवक्ता ब्रजेश सिंह की ओर से दाखिल याचिका में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मापदंडों के अनुसार पुलों की निगरानी कराने का भी अनुरोध किया गया है. ब्रजेश सिंह ने याचिका में राज्य के पुलों की सुरक्षा और मजबूती को लेकर चिंता व्यक्त की है.
लोगों की जान बचाने के लिए न्यायालय के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता
जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि बिहार भारत में सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित राज्य है. राज्य में बाढ़ से प्रभावित होने वाला कुल क्षेत्रफल 68,800 वर्ग किलोमीटर है, जो इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 73.06 प्रतिशत है. यचिकाकर्ता ने कहा कि बिहार में पुल गिरने की लगातार हो रही घटनाएं विनाशकारी हैं, क्योंकि इससे आम लोगों का जीवन जोखिम में है. लोगों की जान बचाने के लिए न्यायालय के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है, क्योंकि निर्माण पूरा होने से पहले ही, निर्माणाधीन पुल लगातार ढह रहे हैं. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़क निर्माण और ग्रामीण निर्माण विभाग को राज्य के सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण करने और तत्काल मरम्मत की आवश्यकता वाले पुलों की पहचान करने का निर्देश दिया है.
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