Patna: शिक्षा को लेकर सरकार गंभीर है. इसके लिये शिक्षकों की संख्या और सैलरी समय-समय पर बढ़ाई जाती रही है. वर्तमान में बिहार में 3 लाख 50 हजार से अधिक शिक्षक हैं. ये पिछले सोलह साल से कार्यरत हैं. ये पढ़ाने के अलावा जनगणना और मतदान समेत कई तरह के कार्य में संलग्न रहते हैं. इससे पढ़ाई बाधित होती है.
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परिणाम है बाकी
दूसरी तरफ उन शिक्षकों की योग्यता और डिग्री पर भी सवाल उठते रहे हैं. कई शिक्षकों पर फर्जी डिग्री के आरोप लगते रहे हैं. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार के मुताबिक, शिक्षा विभाग ऐसे कोई भी सवाल खड़े नहीं कर सकता है. जिस बिहार में लाखों कार्यरत शिक्षकों का कुछ दिन पहले पीएफ एकाउंट ही खोले गए हों वहां शिक्षकों की हालत कैसी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के मुताबिक, नियोजित शिक्षकों की संख्या 3 लाख 50 हजार से अधिक है. सरकार इनकी सुरक्षा करती है लेकिन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिले यह ठीक नहीं है. एक तरफ विभाग हर तरह की सुविधा शिक्षकों को देगा और उसका अगर ठोस परिणाम नहीं आता है तो काम नहीं चलेगा. अब डिलीवरी का वक्त आ गया है.
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शिक्षकों की होगी बहाली
प्रदेश में शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार प्रयासरत है. इसी के तहत शिक्षा विभाग का बजट बढ़ाया गया है. कुछ महीनों में नए 94 हजार कार्यरत शिक्षक बहाल करने की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर युवाओं में उत्साह है. लेकिन सरकार का जोर शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उसकी गुणवत्ता सुधारने पर है.
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