Kolkata : पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक पेश किया. इस विधेयक में बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान है. इसमें पीड़िता की उम्र मायने नहीं रखेगी. विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस बिल का समर्थन किया.
#WATCH | Kolkata: At the West Bengal Assembly, CM Mamata Banerjee says, “…I had written two letters to the Prime Minister, but I did not get any reply from him, rather I got a reply from the Minister of Women and Child Development, but I also replied to his reply and informed… pic.twitter.com/XKmSOWDj3B
— ANI (@ANI) September 3, 2024
Kolkata: At the West Bengal Assembly, CM Mamata Banerjee says, “…I express my condolences to the girl who was raped, murdered and to her family. When the RG Kar incident took place on the night of 9th August, I was in Jhargram. On 10th August, the body was found, and on 12th… pic.twitter.com/TjTZS1gJnc
— ANI (@ANI) September 3, 2024
STORY | West Bengal govt tables anti-rape Bill at state Assembly special session
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— Press Trust of India (@PTI_News) September 3, 2024
#WATCH कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “…हम इस कानून का तत्काल क्रियान्वयन चाहते हैं, यह आपकी(राज्य सरकार) जिम्मेदारी है। हम परिणाम चाहते हैं, यह सरकार की जिम्मेदारी है। हम कोई विभाजन नहीं चाहते, हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री का… pic.twitter.com/ViBaPWXy6P
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 3, 2024
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी
पिछले महीने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी. इस शर्मनाक घटना के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रस्तावित इस विधेयक को राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने पेश किया. जिसके बाद इस पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य विधानसभा में मौजूद रह कर विधेयक पर बहस में हिस्सा लिया.
विधेयक पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय दिया गया
प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा के लिए कुल दो घंटे का समय दिया गया. भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत प्रासंगिक प्रावधान में संशोधन की मांग करने वाला विधेयक सभी उम्र के पीड़ित पर लागू होगा. यदि इस विधेयक को पारित किया जाता है, तो बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जायेगी. इसका अर्थ है कि उन्हें अपना पूरा जीवन जेल में बिताना होगा महज कुछ वर्षों के बाद छोड़ा नहीं जायेगा. इसमें आर्थिक दंड के प्रावधान भी होंगे.
जांच पूरी करने की समय सीमा को दो महीने से घटाकर 21 दिन करने का प्रस्ताव
विधेयक में बलात्कार से संबंधित जांच पूरी करने की समय सीमा को दो महीने से घटाकर 21 दिन करने का प्रस्ताव है. इसके अलावा ऐसे मामलों में आरोप पत्र तैयार होने के एक महीने के भीतर फैसला सुनाने का वादा भी किया गया है. विधेयक में ऐसे मामलों में अदालती कार्यवाही से संबंधित कोई जानकारी प्रकाशित करता है या पीड़िता की पहचान उजागर करता है, तो उसे तीन से पांच साल कैद की सजा हो सकती है.
विधानसभा में विधेयक को पारित कर देना ही पर्याप्त नहीं होगा
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि विधानसभा में विधेयक को पारित कर देना ही पर्याप्त नहीं होगा. इसमें इस संबंध में केंद्रीय कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है, इसलिए इसे राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होगी. हालांकि बंगाल सरकार के इस फैसले का विरोध हो रहा है. कानूनी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि ऐसे मामलों (बलात्कार और हत्या) के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून में सख्त प्रावधान हैं.