NewDelhi : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत आम आदमी पार्टी (आप) की जीत नहीं है क्योंकि आदलत ने आबकारी नीति मामले में उनके दोषी होने को लेकर अपनी मंजूरी की मुहर लगा दी है. भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक ने जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया था, बल्कि सुनवाई इस मुद्दे पर हो रही थी कि उनकी गिरफ्तारी गैर कानूनी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आज सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
लेकिन आदत से मजबूर आम आदमी पार्टी पुनः जनता और मीडिया को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।
आज जो आदेश आया है, उसमें अरविंद केजरीवाल की जीत नहीं है, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि अरविंद केजरीवाल जी शराब… pic.twitter.com/JhHM6JDyPO
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) July 12, 2024
आप ने एक्स के अपने अकांउट से पोस्ट किया, सत्यमेव जयते
बांसुरी स्वराज ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने उनके अनुरोध पर कोई राहत नहीं दी है बल्कि उसने पाया कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के पास पीएमएलए की धारा-19 के तहत पर्याप्त सबूत है कि आरोपी प्रथमदृष्टया दोषी है. यह उच्चतम न्यायालय द्वारा मंजूरी की लगाई गयी मुहर है. आप के नेताओं ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और इसे सच्चाई की जीत करार दिया है. पार्टी ने आरोप लगाया था कि भाजपा फर्जी आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को जेल में रखने की साजिश रच रही है. ईडी द्वारा आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच की जा रही है और इस मामले में शुक्रवार को शीर्ष अदालत की ओर से केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद पार्टी ने सोशल मीडिया मंच एक्स के अपने अकांउट से पोस्ट किया, सत्यमेव जयते.
मुख्यमंत्री अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर नहीं आयेंगे
मुख्यमंत्री हालांकि अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर नहीं आयेंगे क्योंकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी उन्हें कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है और इस समय वह न्यायिक हिरासत में है. स्वराज ने आरोप लगाया कि आप जनता और मीडिया को भ्रमित कर रही है, नयी दिल्ली सीट से लोकसभा सदस्य ने दावा किया, उच्चमत न्यायालय का आदेश केजरीवाल की जीत नहीं है बल्कि अदालत ने उन आरोपों पर मुहर लगा दी है कि वह आबकारी नीति मामले में दोषी हैं और ईडी के पास पर्याप्त सबूत है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गयी है क्योंकि उठाये गये कानूनी सवाल को विचार के लिए उच्चतम न्यायालय की वृहद पीठ के पास भेजा गया है और बड़ी पीठ के समक्ष अगर कोई मामला भेजा जाता है तो उसपर सुनवाई में समय लगता है.
45 करोड़ रुपये की राशि गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च की गयी.
स्वराज ने दावा किया कि कुछ दिन पहले ही ईडी ने विस्तृत आरोप पत्र सुनवाई अदालत में दाखिल किया है जिसमें व्हाट्सऐप चैट और अन्य सबूत संलग्न हैं जो दिखाते हैं कि मुख्यमंत्री शराब घोटाले के सरगना थे और उनके अन्य सह आरोपी से करीबी संबंध है. भाजपा सांसद ने कहा, यह दिखाता है कि आप के संयोजक केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये शराब घोटाले में लाभ पहुंचाने के बदले लिये, जिनमें से 45 करोड़ रुपये की राशि गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च की गयी. इसका परिणाम है कि आप देश के इतिहास की पहली पार्टी बन गयी है जिसे भ्रष्टाचार के मामले में दाखिल आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है.
केजरीवाल सत्ता से चिपके हुए हैं, मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं
स्वराज ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने भी संकेत दिया है कि जब भ्रष्टाचार जैसे मामलों में कोई संवैधानिक पदाधिकारी संलिप्त हो तो उसे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा, लेकिन केजरीवाल सत्ता से चिपके हुए हैं और मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं. उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री को जमानत देते हुए कहा कि यह केजरीवाल पर है कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हैं या नहीं. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, हमें इस तथ्य का पता है कि अरविंद केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं, अदालत ने रेखांकित किया कि केजरीवाल करीब 90 दिनों से कारागार में बंद है.
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