Ranchi: बीजेपी फायर ब्रांड नेता झारखंड का राजनीतिक तापमान माप रहे हैं. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा झारखंड में कई सभाओं के जरिए जनता का मिजाज मापने में लगे हैं. तो वहीं लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार की शाम रांची पहुंचेंगे. 20 जुलाई को रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में आयोजित एक दिवसीय विस्तारित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होंगे. इसमें मंडल से लेकर प्रदेश स्तर के पार्टी के पदाधिकारी, कार्यसमिति सदस्य और सभी सातों मोर्चा के पदाधिकारी, कार्यसमिति सहित विभाग व प्रकोष्ठ के सूचीबद्ध करीब 20 हजार कार्यकर्ता शामिल होंगे. इस बैठक में अगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन-चिंतन भी किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें –साहिबगंज : स्कूल से छूटे बच्चों को वापस लाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी- डीडीसी
महागठबंधन में हेमंत हैं सीएम फेस, पर एनडीए में क्लीयर नहीं
अगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से तय है कि हेमंत सोरेन ही सीएम फेस होंगे. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में बदलाव की कोई उम्मीद नहीं है. जब 2019 में हेमंत सोरेन ने झारखंड की कमान संभाली थी, तब सरकार में झामुमो के साथ कांग्रेस और राजद था. आज भी वही स्थिति है. इसमें खास बात यह है कि इस गठबंधन में नई पार्टी सीपीआई(एमएल) भी साथ हो गई है. इस दल से विनोद सिंह विधायक हैं. लेकिन एनडीए की ओर से सीएम फेस कौन होगा, इसपर पिक्चर क्लीयर नहीं हो पाया है. वहीं भाजपा की सबसे बड़ी चिंता यह भी है कि लोकसभा चुनाव में पांच आदिवासी सीटों में हार का सामना करना पड़ा था. इस पांच लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 28 सीटें शामिल हैं.
बड़े आदिवासी चेहरों को भांप रही भाजपा
बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए बड़े आदिवासी चेहरे को भांप रही है. लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा के हार के बाद अब यह कयास लगाया जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति में उनकी इंट्री हो गई है. इसके अलावा चर्चा यह भी हो रही है कि लोकसभा में हारे उम्मीदवारों पर भी भाजपा विधानसभा चुनाव में दांव खेल सकती है. इसमें गीता कोड़ा, सुदर्शन भगत, समीर उरांव, सीता सोरेन और अर्जुन मुंडा का नाम सामने आ रहा है. फिलहाल पिक्चर क्लीयर नहीं है कि बीजेपी से सीएम का चेहरा कौन होगा. वहीं ओडिशा का राज्यपाल बनने के बाद रघुवर दास की झारखंड की राजनीति में वापसी की संभावनाएं काफी कम हो गई हैं.
इसे भी पढ़ें –मोतिहारी: सेप्टिक टैंक में दम घुटने से चार मजदूरों की मौत
Leave a Reply