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बोकारो: ईएसएल ने नाबार्ड और जीएसएस के सहयोग से किया वाडी परियोजना का उद्घाटन

Bokaro: ईएसएल स्टील लिमिटेड ने नाबार्ड और ग्रामीण सेवा संघ (जीएसएस) के सहयोग से प्रतिष्ठित वाडी परियोजना का उद्घाटन किया. अंतर खेती के माध्यम से आदिवासी परिवारों की एक एकड़ शुष्क/बंजर ज़मीन को बाग में विकसित करना इस परियोजना का उद्देश्य है. परियोजना में किसानों को स्थायी कृषि के बारे में शिक्षित किया जायेगा. उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जाएगा तथा देशभर के आदिवासी प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इसे भी पढ़ें- धनबाद:">https://lagatar.in/dhanbad-bikers-gang-poses-headache-for-police-people-upset/25913/">धनबाद:

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क्या मिलेगा वाडी की परियोजना से ?

वाडी की परियोजना के तहत सीमांत किसान जिनके पास 5 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन नहीं है. उन्हें दो चुनी गई फसलों के साथ अंतर खेती में मदद की जाएगी. हर एकड़ ज़मीन में कृषि फसल के साथ फल वाले पेड़, जैसे आम, लीची और काजू को उगाया जाएगा. इससे जलवायु, जैविक एवं विपणन के कारण होनेवाले जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी.

वाडी परियोजना से किसनों को लाभ

इस अवसर पर एसएलवीपी रेड्डी, सीओओ, ईएसएल स्टील लिमिटेड ने कहा, ‘‘यह नाबार्ड का सबसे लोकप्रिय विकास प्रोग्राम है. वाडी परियोजना के तहत आदिवासी परिवारों को अंतर खेती के माध्यम से उनकी शुष्क और बंजर ज़मीन में बाग के विकास में मदद की जाएगी. वाडी न केवल आदिवासी परिवारों की कृषि आजीविका को सशक्त बनाएगी, बल्कि भोजन एवं पोषण की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगी. उन्होंने काह कि, मुझे इस परियोजना पर गर्व है और उम्मीद है कि, यह परियोजना किसानों को नए अवसर प्रदान करेगी. साथ ही उनके उज्जवल भविष्य में योगदान देगी. मैं इस काम के लिए नाबार्ड और जीएसएस के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।’ वाडी परियोजना के मुख्य अवयवों में मिट्टी और जल प्रबन्धन, बाग का विकास, स्थायी खेती और किसान समूहों (किसान उत्पादक संगठन) का विकास शामिल है. इसे भी पढ़ें- बेरमो:">https://lagatar.in/bermo-goods-passed-collapsing-on-broken-track-postpone-major-accident/25935/">बेरमो:

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एके पाधी, सीजीएम, नाबार्ड ने कहा, ‘यह हमारे जीवन का ऐतिहासिक पल है. जब हम ईएसएल के साथ इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जुड़े हैं. हम पहले से झारखण्ड में 48 ऐसी परियोजनाओं को अंजाम दे चुके हैं और ये प्रयास हमें वाडी परियोजना को समर्थन देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. आदिवासी परिवारों का कल्याण इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है. यह परियोजना 6 साल के लिए हैं. इसके तहत हम गांवों में आम और अमरूद के पेड़ लगाएंगे. इसके परिणाम 2 साल में दिखने लगेंगे. मुझे उम्मीद है कि यह पहल आदिवासी परिवारों को लाभान्वित कर उन्हें सफलता हासिल करने में मदद करेगी. इसे भी पढ़ें- लातेहारः">https://lagatar.in/latehar-tpc-naxalite-arrested-to-collect-levy-recovered-several-weapons-including-six-rifles/25953/">लातेहारः

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