Bokaro: दुष्कर्म मामले को लेकर हाईकोर्ट सख्त है. दुष्कर्म के एक मामले में उच्च न्यायालय रांची ने जांच के आदेश दिए हैं. इसकी रिपोर्ट जनवरी माह में सौपी जानी है. बताया जाता है कि बोकारो न्यायालय में 16 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में ट्रायल शुरू हुआ था. तब पीड़िता ने दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया था. तब आरोपी बासु रजवार इस आरोप में जेल में बंद था. लड़की के इनकार के बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में गुहार लगायी. इसे आधार मानते हुए कोर्ट ने जमानत दे दी.
बता दें कि हाईकोर्ट में जस्टिस आनंद सेन के बेंच में इसकी सुनवाई हुई. बेंच ने पिंड्राजोरा थाना कांड संख्या 131/19 में पोक्सो एक्ट के तहत आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई की. इसमें पीड़िता के इनकार को आधार मानते हुए आरोपी को जमानत दे दी गई. साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए बोकारो प्रधान जिला जज से मामले की रिपोर्ट मांगी. आदेश की कॉपी मिलने के बाद मामले की जांच शुरू हो चुकी है.
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कोर्ट ने कहा
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि लड़की ने घटना से इनकार क्यो किया? कोई धमकी मिली या बयान बदलने का दबाव था? दबाव में बयान बदला तो भी ये संगीन मामला है. यदि घटना नही हुई, तो आरोपी को झूठे संगीन आरोप में किसने फंसाया. कोर्ट इन दो बिंदु पर गहनता से जांच कर रही है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जांच में जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई हो.
पुलिस की भूमिका पर सवाल
पूरे मामले में पिंड्राजोरा पुलिस की भूमिका भी संदेह में है. दर्ज केस के अनुसार 16 वर्षीय लड़की से शादी का वादा कर आरोपी ने शारीरिक संबंध बनाया. परिवार के सामने मामला आने के बाद पंचायत बैठी. निर्णय हुआ कि आरोपी कभी लड़की से नहीं मिलेगा. लेकिन दोनों मिलते रहे. इसके बाद कथित पीड़िता के भाई की शिकायत पर थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला पंजीकृत हुआ.
पुलिस घटना से सबंधित ठोस गवाह और सबूत प्रस्तुत नही कर पायी. पीड़िता भी 164 के बयान पर कायम रही. अपने जांच में पुलिस इस दलील को उजागर नही कर सकी. अब सवाल है कि कही आरोपी को फंसाया तो नही गया. कई ऐसे सवाल हैं, जिस पर जांच होगी.
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