Ranchi: आम बजट का प्रसारण देखने-सुनने की व्यवस्था शनिवार को चैंबर भवन में की गई थी. जहां दिन के 10 बजे से चैंबर के पदधारी, व्यापारी, उद्योग और प्रोफेशनल्स जगत के लोगों ने साथ बैठ कर बजट का प्रसारण देखा. आम बजट पर चैंबर सदस्यों अपने विचार प्रसस्तुत किये हैं. चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य पर केंद्रित बजट है. उद्यमिता से लेकर आम लोगों तक का ख्याल सरकार ने रखा है. एमएसएमई को क्रेडिट गारंटी कवर पर बड़ी राहत की घोषणा की गई है. इससे सूक्ष्म एवं छोटे उद्यमियों को अगले पांच वर्ष में 1.5 लाख करोड रुपये अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध होगा.
परेश ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय पर जीरो टैक्स, 100 से अधिक आयकर अधिनियम को डि-क्रिमनलाइज किया जाना स्वागतयोग्य है. बजट में टेक्सटाइल सेक्टर का प्रोत्साहन, फूटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए सहायता, मेक इन इंडिया को बढावा देने का उल्लेख है, भारत को खिलौनों का केंद्र बनाने की योजना भी सरकार ने बताई है. कलस्टर का विकास होने से खिलौना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. यह कदम आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्योगों को भी लाभ पहुंचायेगा.
झारखंड के साथ बजट में सौतेला व्यवहार : राहुल
उपाध्यक्ष राहुल साबू ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट में एक बार फिर झारखंड की उपेक्षा साफ़ दिखती है. झारखंड, जो खनिज संपदा से भरपूर है, उसके लिए कोई ठोस औद्योगिक नीति नहीं लाई गई. यहां के खनिज संसाधनों का उपयोग कर नए उद्योग स्थापित करने की दिशा में सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. इसके अलावा, झारखंड पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार होने के साथ-साथ अपनी अद्भुत जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है, जिससे राष्ट्रीय जीडीपी में बड़ा योगदान हो सकता था, लेकिन बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष नीति नहीं बनाई गई. व्यक्तिगत कर स्लैब में बदलाव की जरूरत थी क्योंकि महंगाई दर काफी अधिक है, ऐसे में वित्त मंत्री के पास इसे बदलने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था, कुल मिलाकर, झारखंड को इस बजट से फिर से सौतेला व्यवहार झेलना पड़ा है.
सराहनीय बजट : ज्योति
उपाध्यक्ष ज्योति कुमारी ने कहा कि बजट 2025 भारत के औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में बड़े बदलावों की रूपरेखा तैयार करता है, जिसका उद्देश्य विनिर्माण, भंडारण और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बदलना है. पीएम गति शक्ति और भारत ट्रेड नेट जैसी प्रमुख परियोजनाएं निवेश को बढ़ावा देंगी, दक्षता बढ़ाएंगी और लॉजिस्टिक्स लागत कम करेंगी. मोबाइल फोन और मोबाइल बैट्री सस्ता करने की भी घोषणा की गई है. सरकार के 10,000 करोड़ रुपये के योगदान से स्टार्टअप्स के लिए फंड की भी व्यवस्था की जायेगी। इसके तहत सरकार पहली बार 5 लाख महिलाएं, एससी और एसटी उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रुपये का लोन भी देगी.
मध्यमवर्ग के लिय पेश बजट अच्छा : आदित्य
महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि मध्यमवर्ग के लिय पेश बजट अच्छा है. एमएसएमई के लिए लोन गारंटी लिमिट बढाना, सोषल वेलफेयर सरचार्ज हटाने का प्रस्ताव स्वागतयोग्य है. इससे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर टियर 2 शहरों में स्थापित किये जाने से नये निवेष और रोजगार के अवसर बनेंगे. बजट के माध्यम से पूर्वी भारत के डेवलपमेंट पर ध्यान दिया गया है. एमएसएमई सेक्टर को आसान लोन मिलने, लेदर स्कीम से रोजगार बढने और खिलौना उद्योग को प्रमोट करने से देश के व्यापारिक परिदृष्य में सुधार होगा.
मिश्रित बजट है : विकास विजयवर्गीय
सह सचिव विकास विजयवर्गीय ने कहा कि मिश्रित बजट है. 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगाने से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है. इससे बाजार में कैष फ्लो होगा और लोग अपने स्वास्थ्य और षिक्षा पर ध्यान दे सकेंगे, व्यापार के नजरिए से एमएसएमई और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए जो लोने की सीलिंग बढ़ाई गई है, स्वागतयोग्य है.
झारखंड का बजट में उल्लेख नहीं, निराशा : नवजोत
सहसचिव नवजोत अलंग ने कहा कि मिडिल क्लास, किसान और उद्यमिता को समर्पित बजट है. 12 लाख तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं, स्टार्टअप्स के प्रोत्साहन के लिये फंड की व्यवस्था स्वागतयोग्य है. इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों के विनिर्माण के लिए आवश्यक कई पूंजीगत वस्तुओं पर बीसीडी की छूट से भारत में सेल विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना के लिए पूंजीगत व्यय मंथ कमी आएगी. इवी वाहन सस्ते होने से यह सामान्य लोगों की पहुंच में तो होगा ही, पॉल्यूशन कम होगा और पेट्रोलियम पर हमारी निर्भरता भी कम होगी। किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट बढ़ाना स्वागतयोग्य है. झारखंड का बजट में उल्लेख नहीं होने से निराशा हुई.
स्वागतयोग्य बजट : रोहित अग्रवाल
कोषाध्यक्ष रोहत अग्रवाल ने कहा कि बजट में इनकम टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है. वित मंत्री ने अगले सप्ताह नया इन्कम टैक्स विधेयक पेश करते हुए पहले विष्वास करो बाद में जांच करो की अवधारणा को बताया है. उम्मीद है इसमें कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. बजट के माध्यम से सरकार ने कर सुधारों की दिशा में भी अपनी योजना बताई है, जो स्वागतयोग्य है.
विकसित भारत के लिए समावेशी बजट : डॉ अभिषेक
कार्यकारिणी सदस्य डॉ अभिषेक रामाधीन ने कहा कि समृद्ध एवं विकसित भारत के लिए समावेशी बजट है. गरीब, किसान, युवा और महिलाओं का ध्यान रखा गया है. मेडिकल फील्ड में 75 हजार नये एमबीबीएस सीट जिसमें 10 हजार इसी वर्ष से, 200 सरकारी अस्पतालों में कैंसर डे केयर सेंटर बनाने, मेडिकल टूरिज्म के लिए इजी वीजा, 36 कैंसर की दवा को टैक्स फ्री करना, मेडिकल इक्वीपमेंट सस्ता, इंष्योरेंस सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआइ करने से मेडिकल इंश्योरेंस में लोगों को ज्यादा लाभ मिलेगा.
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