NewDelhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि हलवा समारोह बजट की तैयारी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और इसकी आलोचना इससे जुड़े कर्मचारियों का अपमान करना’ है. सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, हलवा समारोह उस समय से चल रहा है जब से वित्त मंत्रालय का प्रीटिंग प्रेस मिंटो रोड में हुआ करता था. हमारे देश में कोई भी अच्छा काम करने से पहले मुंह मीठा करने की परंपरा है. इसकी आलोचना करना बजट की तैयारियों से जुड़े कर्मचारियों का मजाक उड़ाना और उनका अपमान करना है.
VIDEO | “Today, they (opposition) are talking about reservation and SCs and STs. In English, there’s a saying – ‘Charity begins from home’ meaning what you are asking from others, you should do it first. I would like to ask how many SCs, STs and OBCs are there in the Rajiv Gandhi… pic.twitter.com/uxTyALa2JV
— Press Trust of India (@PTI_News) July 30, 2024
राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया था कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक एवं एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) हैं और उनमें एक भी दलित एवं आदिवासी नहीं है.
2013-14 में पूछा नहीं गया कि आप हलवा बांटने जा रहे हो, कितने एससी-एसटी, ओबीसी हैं
नॉर्थ ब्लॉक में हलवा सेरेमनी को लेकर छपी एक खबर का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ये स्टाफ खुद हलवा बनाते हैं. 2013-14 में ये फोटो इवेंट बना. मंत्री के नीचे जाकर हलवा बंटवारा करने की शुरुआत 2013-14 में हुआ. उस समय के वित्त मंत्री से क्यों नहीं बोला गया कि क्यों जा रहे हो नीचे. उस समय उनसे पूछा नहीं गया कि आप हलवा बांटने जा रहे हो, कितने एससी-एसटी, ओबीसी हैं. भारत का हलवा बांटा जा रहा है, ये आदत किसी की हो तो वो जमाना गया.
वित्त मंत्री ने एससी को लेकर नेहरूजी का कोट पढ़ा, जिसमें उन्होंने आरक्षण का विरोध करने की बात कही थी. कहा कि काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट कांग्रेस की हर सरकार ने दरकिनार कर दी. इस क्रम में कहाकि 1980 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट इंदिरा गांधी की सरकार के समय आयी थी, जो किनारे कर दी गयी. उस समय नारा था, न जात पर न पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर. तब जात नहीं थी लेकिन आज फोटो में एससी-एसटी ओबीसी पूछा जा रहा है.
नो प्रमोशन टू इडियट्स ऑन द नेम ऑफ रिजर्वेशन
निर्मला सीतारमण ने कहा, राजीव गांधी ने 1985 में आलोक मेहता को एक इंटरव्यू दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि नो प्रमोशन टू इडियट्स ऑन द नेम ऑफ रिजर्वेशन. ये(राहुल) किसे लेक्चर दे रहे हैं सर. उन्होंने बाबासाहब आंबेडकर द्वारा सरकार से इस्तीफा दिये जाने के बाद के बयान भी कोट किया. कहा कि आज ये रिजर्वेशन और एससी-एसटी पर बात कर रहे हैं. आप जो दूसरे को बोल रहे हो, वह पहले कर दिखाओ.
मैं पूछ रही हूं, राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने एससी हैं.
मैं पूछ रही हूं, राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने एससी हैं. नौ लोग हैं, कोई एससी नहीं है. राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में पांच लोग हैं, एक भी एससी नहीं दिख रहा. एससी-एसटी के लिए कुछ अच्छा करने का इरादा हम कर सकते हैं. लेकिन जब दादा-परदादा, सबके बयान एक जैसे ही हैं और काम कुछ नहीं हुआ तो कैसे भरोसा होगा. सिर पर हाथ रखा तो ट्रोल आर्मी पूछ रही है कि विपक्ष के नेता ने सवाल पूछा तो ऐसे हाथ रखती हो.
वित्त मंत्री ने अग्निवीर योजना सहित तमाम मुद्दों पर गलत प्रचार का आरोप लगाते हुए विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया. कहा कि ये वेल्थ क्रिएटर्स का अपमान कर दुनिया के निवेशकों को गलत संदेश दे रहे हैं. संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि भारत में निवेश सेफ नहीं है.
यूपीए सरकार के समय महंगाई चरम पर थी
वित्त मंत्री ने महंगाई पर कहा, यूपीए सरकार के समय महंगाई चरम पर थी 2008 में ग्लोबल फाइनेंस क्राइसिस के समय यूपीए सरकार के, हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड एजुकेटेड सरकार के रिकॉर्ड, रिकॉर्ड ही हैं. अटलजी के समय 3 परसेंट के आसपास था. यूपीए में बढ़ा. इनके काल में 8.1 परसेंट पहुंच गयी.. कांग्रेस आयी, महंगाई लायी. ये है इनका रिकॉर्ड.
ये हमसे पूछते हैं कि इकोनॉमी कैसे मैनेज कर रहे हो
वित्त मंत्री ने कहा, आरबीआई गवर्नर ने एक किताब लिखी है जिसमें उन्होंने लिखा है, वित्त मंत्रालय आरबीआई पर दबाव बनाता था कि ठीक से मैनेजमेंट करो नहीं तो सेंटीमेंट बिगड़ जाएगा. ये हमसे पूछते हैं कि इकोनॉमी कैसे मैनेज कर रहे हो. उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकारें मैनेज कर रही हैं लेकिन इनकी सरकारें कदम नहीं उठा रहीं. हम भारत आटा खरीदकर सब्सिडी के साथ पब्लिक तक पहुंचा रहे हैं, भारत चावल बिक रहा है, भारत चना दाल, मूंग दाल, साबूत मूंग दाल का भी सेल हो रहा है. आम आदमी तक हमारा भारत ब्रांड आटा पहुंच रहा है इसलिए इंफ्लेशन फेस कर पा रहे हैं.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स जैसे फ्रॉड इंडिकेटर भारत में काम नहीं करते
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स जैसे फ्रॉड इंडिकेटर भारत में काम नहीं करते. इसकी विश्वसनीयता पर कुछ बात रखना चाहती हूं. पाकिस्तान, सूडान जैसे देशों को भारत से आगे रैंकिंग कैसे मिल रहा है सर. अफ्रीकन देशों में पर कैपिटा इनकम आज भी कम है. पाकिस्तान में भी आटा की किल्लत है. भारत जैसे देश में हम 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त अनाज दे रहे हैं. फिर कैसे ये विश्वसनीयता साबित करेंगे.
2009-10 के बजट में यूपी और बिहार को छोड़कर किसी राज्य का नाम नहीं
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट को लेकर विपक्ष की ओर से दुष्प्रचार किया गया है जो मेरे लिए बहुत दुखद है. उन्होंने कहा कि 2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था. क्या उन 17 राज्यों को पैसा नहीं दिया गया था. 2005-06 में 18 राज्यों के नाम नहीं लिये गए थे. उन्होंने हर साल के बजट में जिन राज्यों के नाम नहीं लिये गये थे, उनका जिक्र कर विपक्ष को घेरा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2009-10 के बजट में यूपी और बिहार को छोड़कर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया था. क्या उन राज्यों को पैसा नहीं दिया गया