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Ranchi: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट बड़े-बड़े पूंजीपतियों (कॉर्पोरेट घरानों) को लाभ पहुंचाने वाला बजट है. यह देश की जनता का नहीं, बल्कि विशेष तौर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार का बजट है. उन्होंने कहा कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पर्यटन आदि के क्षेत्र में बजट में कोई नया प्रावधान नहीं किया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण भी महज आइवाॅश है. कहा कि केंद्र सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार देने और बेरोजगारी दूर करने की दिशा में बजट में कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है. महंगाई पर नियंत्रण के लिए भी आम जनता को राहत नहीं दी गई. सरकारी कर्मचारियों व सेवानिवृतकर्मियों को भी इस बजट से घोर निराशा हुई है. आयकर की सीमा पांच लाख रुपए से घटाकर तीन लाख कर दिया जाना अनुचित है.
उन्होंने कहा कि लगभग 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं. लेकिन उन पदों पर नियुक्ति के संबंध में बजट में कोई चर्चा नहीं की गई. युवाओं को रोजगार देने के नाम पर महज कागजी घोड़े दौड़ाए गए हैं. सहाय ने कहा कि मध्यम वर्ग के लोग बड़ी मशक्कत से अपनी आमदनी में से कुछ राशि बचाकर रखा करते हैं, उस पर भी केंद्र सरकार की गिद्ध दृष्टि है. मध्यम वर्ग के जेब से कैसे उनकी मेहनत की कमाई निकाली जाए, इसके लिए सरकार ने व्यवस्था की है. कहा कि झारखंड पूरे देश में खनिज संपदा से अधिक राजस्व देने वाला राज्य है. लेकिन झारखंड की जनता के लिए कोई राहत भरी बात बजट में नहीं की गई. महाराष्ट्र पूरे देश में सबसे अधिक जीएसटी देने वाला राज्य है, वहां की जनता के लिए भी कुछ विशेष प्रावधान बजट में नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि यह बजट आम लोगों के लिए नहीं बल्कि खास लोगों के लिए है.
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