Giridih : गिरिडीह शहर में प्रतिबंधित लॉटरी का धंधा फल-फूल रहा है. पूर्व में लॉटरी टिकट विक्रेता किसी खास स्थान पर बैठकर टिकट बेचते थे, लेकिन अब वे गलियों-मुहल्लों में टिकट बेच रहे हैं. लॉटरी टिकट खरीदार ज्यादातर मजदूर तबके के लोग हैं, जो दिन भर मेहनत कर 300 से 400 रुपए कमाते हैं. टिकट खरीदने के पीछे लालच रहती है कि लॉटरी लगने पर ज्यादा रुपए मिलेंगे. लॉटरी लगने पर ज्यादा रुपए मिलेंगे. कभी-कभार लॉटरी निकल भी आती है. अधिकांश टिकट खरीदारों को कुछ नहीं मिलता. सिर्फ रुपए की बर्बादी होती है. लॉटरी धंधेबाजों को इससे मोटी कमाई होती है, लेकिन टिकट खरीदार लूटते जा रहे हैं.
गिरिडीह शहरी क्षेत्र के मकतपुर, हूति बाजार, मोहलीचुवा, कोल़डीहा, स्टेशन रोड, बड़ा चौक, बरवाडीह, भण्डारीडीह, मकतपुर चौक समेत कुछ अन्य जगहों पर सबसे ज्यादा लॉटरी के धंधे हो रहे हैं. इन जगहों में टिकटों की बिक्री खुलेआम नहीं बल्कि छुपाकर की जाती है. स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी है, फिर भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती. टिकटों के दाम 10 रुपये से 100 रुपये तक होती है.
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