LagatarDesk : कई मुद्दों से जूझ रही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बायजू (Byju’s) नये विवाद में फंस गयी है. कंपनी के ऑडिटर बीडीओ ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है. इतना ही नहीं ऑडिटर ने संकटग्रस्त एडटेक फर्म के साथ कई मुद्दों को उजागर किया है, जिसमें फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में देरी और अपर्याप्त प्रबंधन समर्थन शामिल है. बीडीओ (MSKA & Associates) को जून 2023 में 5 साल की अवधि के लिए Byju’s का ऑडिटर नियुक्त किया गया था. लेकिन डेढ़ साल से भी कम समय में बीडीओ ग्लोबल ने इस्तीफा दे दिया. पिछले साल बायजू के पूर्व ऑडिटर डेलोइट ने कंपनी में गवर्नेंस संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था.
एमएसकेए ने कहा-कंपनी के प्रबंधन से अपर्याप्त समर्थन मिला
बता दें कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ कानूनी विवाद के कारण Byju’s 16 जुलाई को दिवालिया घोषित हो गयी थी. इसके एक दिन बाद यानी 17 जुलाई को बीडीओ ने फोरेंसिक ऑडिट के लिए अनुरोध किया था. ऑडिटर बीडीओ ग्लोबल के इस्तीफे पर बीडीओ की सहायक कंपनी एमएसकेए ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के ऑडिट के लिए हमें हमारे द्वारा मांगी गयी खाता बही, सूचना व स्पष्टीकरण और पर्याप्त उचित ऑडिट साक्ष्य प्रदान करने में कंपनी के प्रबंधन से अपर्याप्त समर्थन मिला है. वहीं बायजू ने ऑडिट फर्म द्वारा किये गये अनैतिक अनुरोधों और “उचित प्रक्रियाओं का पालन करने में विफलता” के बारे में गंभीर चिंता जतायी. एडटेक फर्म ने कहा कि कई कॉल रिकॉर्डिंग मौजूद हैं, जिसमें बीडीओ के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट रूप से इन दस्तावेजों को पिछली तारीख में बदलने का सुझाव दिया है, जिसे बायजू ने करने से इनकार कर दिया. बायजू का दृढ़ विश्वास है कि यह उनके इस्तीफे का मुख्य कारण है.
बीसीसीआई के साथ कानूनी विवाद के कारण बायजू दिवालिया घोषित
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ कानूनी विवाद के कारण बायजू ने 16 जुलाई 2024 को दिवालिया घोषित हो गयी थी. दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने को लेकर दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) की भी नियुक्ति की गयी, जिसने कंपनी के बोर्ड को निलंबित कर दिया. एडटेक फर्म के अनुसार, 17 जुलाई को बीडीओ ने बायजू के निलंबित बोर्ड को एक ईमेल भेजा, जिसमें मध्य-पूर्व स्थित एक साझेदार के साथ बायजू द्वारा किये गये पुराने लेनदेन के बारे में कुछ स्पष्टीकरण मांगा गया था. मध्य-पूर्व साझेदार के साथ लेनदेन के संबंध में एडटेक फर्म ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बायजू के निलंबित बोर्ड और प्रबंधन ने 17 जुलाई को उनके ईमेल से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई समस्या नहीं है, पूरी तरह से पारदर्शी और बीडीओ की निगरानी में फोरेंसिक ऑडिट की व्यवस्था करने का सक्रिय कदम उठाया था. हालांकि, 16 जुलाई को दिवालियापन कार्यवाही शुरू होने के कारण फोरेंसिक जांच पूरी नहीं हो सकी. बायजू की तरफ से कहा गया कि फोरेंसिक ऑडिट पूरी न हो पाने के लिए निलंबित बोर्ड को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. कंपनी को उम्मीद है कि दिवालियापन संबंधी प्रवेश आदेश को सुप्रीम कोर्ट जल्द ही रद्द कर देगा. कभी 22 बिलियन डॉलर के मूल्य के साथ भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप रहा बायजू इस समय कई विवादों में घिरा हुआ है.
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