- अपर मुख्य सचिव ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को लिखा पत्र
- कहा- डीडीटी पर्यावरण के लिए भी खतरनाक, इस पर रोक लगाएं
डीडीटी पर्यावरण और मनुष्य के लिए खतरनाक
राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान के द्वारा राज्यभर में परीक्षण कराया गया. जिसमें पाया गया कि एनोफेलीज कुलिसिफेसीज 17 प्रतिशत और एनोफेलीज फ्लुवियाटिलिस 35 प्रतिशत मच्छरों को मारने में असरदार है. वहीं दुनियाभर में किए गए विभिन्न अध्ययनों के अनुसार डीडीटी का छिड़काव पर्यावरण में बरकरार रहता है. इससे मनुष्य और पर्यावरण को नुकसान होता है. साथ ही यह बच्चों के विकास में भी बाधक है. ऐसे में इसके खतरनाक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए बदलकर दो नए कीटनाशक की आपूर्ति करें. ताकि इसका उपयोग वेक्टर जनित रोग के नियंत्रण के लिए प्रभावी ढंग से किया जा सके और राज्य में मलेरिया का उन्मूलन हो पाए. इसे भी पढ़ें – रांचीः">https://lagatar.in/ranchi-rape-of-minor-three-accused-sentenced-to-twenty-years-each/">रांचीःनाबालिग से दुष्कर्म मामला, आरोपी हेम सिंह उर्फ राहुल, नव किशोर और नवीन को 20-20 साल की सजा [wpse_comments_template]
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