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चक्रधरपुर विधायक ने प्रतिनिधिमंडल से किया बुरा बर्ताव
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री व विधायक को पश्चिमी सिंहभूम में कुपोषण की स्थिति से अवगत कराया. बताया कि वर्ष 2019-21 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला के पांच वर्ष से कम उम्र के 62 प्रतिशत बच्चे कुपोषित है. इसमें वर्ष 2015-16 के सर्वेक्षण की तुलना में न के बराबर सुधार हुआ है. जिले के एक तिहाई व्यस्क महिलाओं का बीएमआई सामान्य से कम है. विभिन्न सरकारी सर्वेक्षणों में यह भी बार-बार पाया जाता है कि राज्य के आदिवासी बच्चे अन्य समुदायों की तुलना में ज्यादा कुपोषित हैं. प्रतिनिधिमंडल को मंत्री जोबा माझी ने कहा कि टेंडर और ठेकेदार तय न होने के कारण आंगनबाड़ी में अंडा चालू नहीं हो रहा है. मंच ने याद दिलाया कि आंगनबाड़ी में ठेकेदारी व्यवस्था न्यायलय के नियमों के विरुद्ध है. विकेंद्रीकृत व्यवस्था लागू होना चाहिए. वहीं चक्रधरपुर विधायक ने इस पर जमीनी स्थिति को मानने से ही इंकार कर दिया और प्रतिनिधिमंडल के साथ बुरी तरीके से पेश आये. प्रतिनिधिमंडल में अमित होनहागा, अजीत कांडेयांग, अशोक मुंडरी, नारायण कांडेयांग, प्रेम गागराई, रामचंद्र माझी, संदीप प्रधान, सुरेश जोंको आदि शामिल थे. इसे भी पढ़ें : बहरागोड़ा">https://lagatar.in/bahragora-anganwadi-center-dilapidated-30-innocent-people-are-risking-their-lives/">बहरागोड़ा: आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर, जान जोखिम में डाल पढ़ रहे हैं 30 मासूम [wpse_comments_template]
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