Chaibasa (Sukesh kumar) : खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच का एक प्रतिनिधिमंडल मंत्री जोबा माझी, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव व खरसावां विधायक दशरथ गागराई से बुधवार को मिला और हेमंत सोरेन सरकार द्वारा पिछले दो सालो में किये गए पोषण सम्बंधित घोषणाओं को याद दिलाया. मंच ने मांग किया कि वे विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार को उनकी घोषणाओं को याद दिलाएं और क्षेत्र के बच्चों के कुपोषण से लड़ने के विरुद्ध स्पष्ट प्रतिबद्धता दर्शाएं. प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री व विधायकों से कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो साल में पोषण से संबंधित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी. मध्याह्न भोजन में बच्चों को सप्ताह में पांच दिन अंडा देने, आंगनबाड़ी में 3-6 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में छह दिन अंडा देने, जन वितरण प्रणाली में प्रत्येक कार्डधारी को सस्ते दर पर एक किलो दाल प्रति माह दिए जाने की घोषणा की गई थी. राज्य सरकार ने न सिर्फ घोषणा की थी बल्कि बजट सत्र व केबिनेट में इसे पारित भी किया था. लेकिन दुःख की बात है कि घोषणा के महीनों (सालों) बाद भी ये धरातल पर नहीं उतरा. राज्य सरकार ने राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 14.21 लाख छूटे लोगों को जोड़ा. इससे वंचित परिवार को हरा राशन कार्ड तो मिल गया. लेकिन इन्हें नियमित रूप से राशन नहीं मिलता.
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चक्रधरपुर विधायक ने प्रतिनिधिमंडल से किया बुरा बर्ताव
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री व विधायक को पश्चिमी सिंहभूम में कुपोषण की स्थिति से अवगत कराया. बताया कि वर्ष 2019-21 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला के पांच वर्ष से कम उम्र के 62 प्रतिशत बच्चे कुपोषित है. इसमें वर्ष 2015-16 के सर्वेक्षण की तुलना में न के बराबर सुधार हुआ है. जिले के एक तिहाई व्यस्क महिलाओं का बीएमआई सामान्य से कम है. विभिन्न सरकारी सर्वेक्षणों में यह भी बार-बार पाया जाता है कि राज्य के आदिवासी बच्चे अन्य समुदायों की तुलना में ज्यादा कुपोषित हैं. प्रतिनिधिमंडल को मंत्री जोबा माझी ने कहा कि टेंडर और ठेकेदार तय न होने के कारण आंगनबाड़ी में अंडा चालू नहीं हो रहा है. मंच ने याद दिलाया कि आंगनबाड़ी में ठेकेदारी व्यवस्था न्यायलय के नियमों के विरुद्ध है. विकेंद्रीकृत व्यवस्था लागू होना चाहिए. वहीं चक्रधरपुर विधायक ने इस पर जमीनी स्थिति को मानने से ही इंकार कर दिया और प्रतिनिधिमंडल के साथ बुरी तरीके से पेश आये. प्रतिनिधिमंडल में अमित होनहागा, अजीत कांडेयांग, अशोक मुंडरी, नारायण कांडेयांग, प्रेम गागराई, रामचंद्र माझी, संदीप प्रधान, सुरेश जोंको आदि शामिल थे.
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